कश्मीरी हिन्दुओं के वंशविच्छेद की पुनरावृत्ति करने के प्रयत्न में पाकिस्तान !

यदि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हिन्दुओं के वंशविच्छेद के पाकिस्तानी प्रयास को विफल कर दिया होता तो, आज आतंकवादियों का हिन्दुओं को वक्र दृष्टि से देखने का साहस ही नहीं होता ।

आतंकवादियों द्वारा हिन्दू सरकारी कर्मचारियों की सूची बनाकर उन्हें लक्ष्य करने की संभावना ! – जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महासंचालक एस.पी. वैद

वर्ष २०१६-१७ में जिस प्रकार जिहादी आतंकवादी सूची बनाकर पुलिसकर्मियों को मार रहे थे, उसी प्रकार अब उनके द्वारा हिन्दू सरकारी कर्मचारियों की सूची बनाकर उन्हें लक्ष्य करने की संभावना है ।

हिन्दू कर्मचारियों को ६ जून तक कश्मीर के ‘सुरक्षित’ स्थान पर नियुक्त करने का राज्य प्रशासन का निर्णय

कश्मीर में जिहादी आतंकवादी हिन्दुओं की जान पर बन आये हैं । इसलिए हिन्दू कर्मचारियों को ‘सुरक्षित’ स्थान पर स्थानांतरित करना, यह ऊपरी ऊपरी उपाय योजना है । वहां के जिहादी आतंकवाद को पूर्ण नष्ट करना ही परिणामकारक उपाय योजना होगी । सरकार ने उस दृष्टि से कदम बढाना हिन्दुओं को अपेक्षित है !

बांग्लादेश से घुसपैठ के लिए आतंकियों ने किया चिकित्सा एवं पर्यटक वीजा का प्रयोग !

क्या भारत आने से पूर्व, हमारी सरकारी यंत्रणाओं द्वारा उनकी पृष्ठभूमि की जांच नहीं की जाती है ? यदि होती है, तो ऐसे आतंकवादी देश में पहुंचते कैसे हैं ? इस गंभीर सुरक्षा चूक के लिए उत्तरदायी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए !

‘खालिस्तान के लिए होनेवाले जनमत संग्रह को समर्थन करें !’

प्रतिबंधित संगठन की कार्यवाही चलते रहना, यह सरकारी तंत्र के लिए लज्जास्पद ! ऐसे संगठनों को जड से नष्ट करने के लिए सरकार को कठोर कदम उठाना आवश्यक है !

कश्मीर में ३ आतंकवादी मारे गए

कुपवाड के जुमागुंड गांव मे घुसखोरी करने का प्रयत्न कर रहे ३ आतंकवादियों को सुरक्षाबलोंने मार गिराया । ये तीनों आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी थे । इसके पूर्व २५ मई के दिन जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादी मारे गए थे ।

भारत-पाक सीमापर २०० आतंकवादी घुसने के प्रयास में ! – लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी

भारत  और कितने वर्ष जिहादी आतंकवाद सहन करेगा ? जिहाद के प्रायोजक पाक को समाप्त करना, यही इस समस्या का हमेशा के लिए उपाय है, यह स्वतंत्रता के उपरान्त सभी शासनकर्ताओं के ध्यान में न आना लज्जास्पद !

(कहते हैं) ‘आक्रमणकर्ता मुर्तजा मनोरोगी !’

समाजवादी पक्ष, यह जिहादी आक्रमणकारीयों का पक्ष लेनेवाला दल है ; ये समय- समय पर स्पष्ट हुआ है । इसी पक्ष के सत्ताकाल में कारसेवकों को गोलीयों से मारकर उनकी मृतदेहों को बडे-बडे पत्थर बांधकर शरयू नदी में फेंका गया था ।

कश्मीरी हिन्दुओं पर किए गए अत्याचारों के लिए कश्मीरी मुसलमानों को उनसे हाथ जोडकर क्षमा मांगनी चाहिए !

केवल हाथ जोडकर क्षमा मांगने से कुछ नहीं होगा और कश्मीरी मुसलमान ऐसी क्षमा मांगेंगे, इसकी भी संभावना नहीं है । इसलिए अब केंद्र सरकार को ही अब प्रधानता लेकर इन अत्याचारों में संलिप्त मुसलमानों को दंड मिलने हेतु प्रयास करने चाहिए, तभी जाकर वास्तव में कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय मिलेगा !