धर्मांध मुसलमानों द्वारा हिन्दुओं को नवरात्रोत्सव न मनाने की धमकी !

निधर्मीवादी एवं आधुनिकतावादी, इसके साथ ही मंदिरों में जानेवाले राहुल गांधी इस विषय में कुछ बोलेंगे ? या फिर गांधीवादियों को लगता है कि जहां मुसलमान बहुसंख्यक हैंं, वहां हिन्दुओं को धर्मांध मुसलमानों के बताए अनुसार करना चाहिए ?

‘जय श्री राम’ का उद्घोष नहीं कर सकते ! – धर्मांध मुसलमानों ने दी धमकी !

मुस्लिम-बहुल परिसरों में मस्जिदों से ‘जय श्री राम’ के नारे का विरोध करने वाले हिन्दू दिन में ५ बार और वर्ष के ३६५ दिन ‘इस विश्व में अल्लाह के अतिरिक्त कोई महान नहीं है’ इसकी बांग देते हैं। वे उसपर बात क्यों नहीं करते ?

कोई भी मुसलमान गरबा के कार्यक्रमस्थल पर न घुसे ! – विश्व हिन्दू परिषद एवं बजरंग दल

बहुसंख्यक हिन्दुओं के देश में उनके उत्सवों पर मंडरा रही जिहादी छाया से बचने के लिए उन्हें इस प्रकार की युक्तियां अपनानी पडती है, यह हिन्दुओं के लिए लज्जाप्रद बात है !

श्री गणेशमूर्ति के अवशेष की सहायता से एक १४ वर्षीय लडका ३६ घंटे तैरता रहा एवं समुद्र में डूबने से बच गया !

लखन ने कहा, ‘‘समुद्र में बह जाने पर एक गणेशमूर्ति के अवशेष हाथ में आए । उसे पकडकर मैं समुद्र में तैरता रहा । वहां से बहते हुए नवसारी पहुंच गया ।”

गुजरात में ८०० करोड रुपए की कोकीन जब्त

पकडी गई कोकीन इतनी है तो न पकडी गई और समाज में बेची जाने वाली कोकीन कितनी होगी , इसकी कल्पना नहीं कर सकते !

सुनवाई के समय गुजरात उच्च न्यायालय ने दिया स्कंद पुराण का संदर्भ  !

गुजरात उच्च न्यायालय ने एक घटना की सुनवाई करते समय स्कंद पुराण का संदर्भ दिया । अल्पायु लडकी का बलात्कार होने के पश्चात वह गर्भवती हो गई । उसके माता-पिता उसका गर्भपात करवाना चाहते थे ।

खेडा (गुजरात) में भगवान शिव के चल समारोह पर मस्जिद से फेंके गए पत्थर

हिन्दुओं के धार्मिक चलसमारोह पर पत्थर फेंके जाने वाली मस्जिदों पर भी अब बुलडोजर चला कर उन्हें गिराने की मांग कानून प्रेमी नागरिकों ने की, तो उसमें गलत लगे !

राजकोट (गुजरात) में धर्मांधों ने श्रीगणेश मूर्ति बनाने वाले परिवार पर किया आक्रमण !

‘भारत में मुसलमान असुरक्षित हैं’, ऐसा कहने वाले कभी ‘भारत में हिन्दू असुरक्षित हैं’, ऐसा नहीं कहेंगे, यह समझें ! 

कर्णावती (गुजरात) के श्री कालभैरव मंदिर में तोडफोड !

भारत हिन्दुबहुल देश होते हुए भी यहां हिन्दुओं के मंदिर असुरक्षित क्यों ?