शून्य से आरंभ कर विश्वव्यापक कार्य करनेवाले श्रीमन्नारायण स्वरूप सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी
प.पू. डॉ. आठवलेजी के पास ऐसी कोई आर्थिक पूंजी नहीं थी । ऐसी आर्थिक स्थिति में प.पू. डॉ. आठवलेजी ने पूरे विश्व में अध्यात्मप्रसार करने का शिवधनुष उठाया था । इससे उनकी ईश्वर के प्रति पराकोटि की श्रद्धा दिखाई देती है ।