मुसलमान सहपाठी (क्लासमेट) से विवाह करने से हिन्दू डॅाक्टर की जान को संकट !

जब हिन्दू युवती मुसलमान से विवाह करती है, तब उसे ‘प्रेमविवाह’ संबोधित कर उसका विरोध करनेवाले  हिन्दुओं को घुट्टी पिलानेवाले निधर्मीवादियों को इस विषय में क्या कहना है ?

ब्रिटेन में मुसलमानों द्वारा हिन्दुओं पर आक्रमण !

मंदिर में तोड फोड कर भगवा ध्वज जलाया
पुलिसकर्मियों पर कांच की बोतलों द्वारा आक्रमण

घर में घुसकर हिन्दू युवती को पीटने से मृत्यु के प्रकरण में दोनो मुसलमानोंको बंदी बनाया !

मुसलमान बहुसंख्यक होने पर क्या होता है, यह निधर्मीवादी जब समझ लेंगे वह सुदिन होगा !

आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान को बंदी बनाया !

धर्मांधों को बंदी बनाने के लिए जाने पर अधिकतर पुलिस पर आक्रमण होता ही है, इस विषय में कोई भी निधर्मीवादी पार्टी, नेता अथवा संगठन कभी मुंह नहीं खोलते !

रा.स्व. संघ के मुखपत्र ‘ऑर्गनायजर’ के संवाददाता को शिरच्छेद की धमकी ! 

अब तो हिन्दुत्व का पक्ष लनेवाले संवाददाता कोभी ऐसी धमकियां मिल रही हैं । सरकार को इसे ध्यान देते हुए संबंधितों के विरोध में ठोस कृति करना अत्यंत आवश्यक है ! 

लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश) में दो अल्पवयीन लडकियों के बलात्कार और हत्या के प्रकरण में ६ लोगों को बनाया बंदी !

इस्लामी देशों में शरीयत कानून के अंतर्गत ऐसे वासनांधों को कमर तक गड्ढे में गाढकर मृत्युदंड देते हैं, वैसा दंड देने की कोई मांग करे, तो आश्चर्य न हो !

इस्लाम को बचाने के लिए भारत पर आक्रमण करो !’

भारत सरकार को इस आतंकवादी संगठन को सबक सिखाने के लिए कदम उठाने अत्यंत आवश्यक !

‘मदरसों के सर्वेक्षण की नोटिस लेकर आनेवालों का स्वागत चप्पलों से करें !’

कानून हाथ में लेने के लिए भडकानेवालों पर सरकार त्वरित परिवाद प्रविष्ट कर कारागृह में डाले !

संपूर्ण देश में धर्मांतरण कानून लागू कर उसपर कठोर कार्यवाही कीजिए ! – प्रबल प्रतापसिंह जूदेव, प्रदेशमंत्री, भाजपा, छत्तीसगढ

ईसाई मिशनरी मानवता के लिए विद्यालय और चिकित्सालय अवश्य चलाएं; परंतु इन सुविधाओं के नाम पर हिन्दुओं को ईसाई बनाने के लिए हिन्दुओं का धर्मांतरण क्यों ? शिक्षा और अन्य सेवाओं के नाम पर व्यापार चलाया जा रहा है ।

‘अयोध्या के समय शांत थे; लेकिन ज्ञानवापी के विषय में गलत निर्णय आया, तो रक्तपात होगा !’

इस प्रकार की खुली धमकी देनेवाले पर अपराध प्रविष्ट कर उसे कारागृह में डालना चाहिए ! हिन्दू न्यायालय का निर्णय हमेशा ही स्वीकारते हैं; लेकिन धर्मांध मुसलमान इस प्रकार की धमकी देते हैं, यह ध्यान में लें !