‘यदि त्वचा से त्वचा का संपर्क नहीं है, तो पॉक्सो अधिनियम के अंतर्गत यौन उत्पीडन अपराध नहीं है’, यह मुंबई उच्च न्यायालय का निर्णय परिवर्तित करें !
एक वर्ष में इतनी बडी संख्या में छोटी युवतियों का होने वाला यौन शोषण भारत के लिए लज्जाजनक है !
एक वर्ष में इतनी बडी संख्या में छोटी युवतियों का होने वाला यौन शोषण भारत के लिए लज्जाजनक है !
आमतौर पर भारत को धर्मनिरपेक्ष देश कहने वाले, हिन्दुओं का विरोध करने वाले निधर्मी और आधुनिकतावादी ऐसे पुलिस के विरोध में क्यों नहीं बोलते ?
यह गर्व की बात है कि ५ हिन्दू महिलाओं ने ऐसी मांग करने का साहस दिखाया । भारत में जन्में हिन्दुओं को इससे सीख लेनी चाहिए !
मद्रास उच्च न्यायालय ने केंद्रीय जांच विभाग को अर्थात सी.बी.आई. को ‘पिंजरे का तोता’ कहते हुए ‘इस तोते’ को (सी.बी.आई.को) केंद्र सरकार को उसकी बेडि़यों से मुक्त करना चाहिए’, ऐसा आदेश दिया है ।
सुनंदा पुष्कर के पति और कांग्रेस सांसद शशि थरूर को सुनंदा की मृत्यु के प्रकरण में, यहां के एक विशेष न्यायालय ने निर्दोष मुक्त किया है ।
१० से ५० वर्ष आयु की युवतियों एवं महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है । न्यायालय द्वारा प्रतिबंध हटाए जाने के उपरांत इस निर्णय को चुनौती दी गई है ।
लश्कर-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ईश्वर प्रसाद खंडेलवाल की याचिका का परिणाम !
महिला आयोग का लगभग ३ वर्षों से कोई अध्यक्ष ही नहीं है !
भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो ; इसलिए, शासकों को समाज को साधना सिखा कर उनमें संयम एवं नैतिकता निर्माण करनी चाहिए !
उत्तर प्रदेश में २९ फरवरी २०२० को एक अवयस्क (नाबालिग) युवती पर बलात्कार करने के प्रकरण में वासनांध कामिल को बंदी बनाया गया । उस पर भा.दं.वि. की धारा ३७६ और ‘पॉक्सो’ कानून के अंतर्गत अपराध प्रविष्ट कर अभियोग चलाया गया ।