
रत्नागिरी, २ फरवरी (वार्ता) – राष्ट्र के पुनरूत्थान के लिए समाज में धर्म एवं राष्ट्र निष्ठा का संचार करने वाले, समाज में हिन्दुत्व की अलख जगाने वाले तथा हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए पिछले २५ वर्षों से कार्य करने वाले दैनिक ‘सनातन प्रभात’ का रजत जयंती समारोह, आज यहां टीआरपी के निकटवर्ती अम्बर सभाग्रह में भावमय और उत्साहपूर्ण वातावरण में मनाया गया । इस समारोह में उद्यमी श्री. अनिल देवले, सनातन संस्था के धर्मप्रचारक सद्गुरु सत्यवान कदमजी तथा दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के विशेष वरिष्ठ संवाददाता श्री. अजय केलकर ने मार्गदर्शन किया । इस समारोह में ‘सनातन प्रभात’ के पाठक, शुभचिंतक, विज्ञापनदाता और साधक उपस्थित थे । इस समारोह का सूत्रसंचालन श्रीमती स्नेहा ताम्हणकर और सुश्री. मिथिला वाडेकर द्वारा किया गया ।

रजत जयंती समारोह का प्रारंभ श्री. संतोष धनावड़े द्वारा शंखनाद तथा गणमान्य व्यक्तियों के करकमलों द्वारा निरांजन से दीप प्रज्वलित कर किया गया । उसके उपरांत वेदमूर्ति श्री. अवधूत मूले और श्री. नितिन अभ्यंकर ने वैदिक मंत्रों का पाठ किया । ‘सनातन प्रभात’ पत्रिका समूह के संस्थापक संपादक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी का संदेश श्री. शशिकांत घाणेकर (आध्यात्मिक स्तर ६६ प्रतिशत) ने पढ़ा ।
सद्गुरु सत्यवान कदमजी के कर कमलों से दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के रजत जयंती महोत्सव विशेषांक का प्रकाशन किया गया ।
सम्मान और सत्कार
सनातन संस्था के धर्मप्रचारक सद्गुरु सत्यवान कदमजी का सम्मान दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के पाठक श्री. विजय भटकर ने किया, श्री. अनिल देवलेजी का सम्मान श्री. सहदेव गवली द्वारा किया गया । ‘सनातन प्रभात’ के विशेष वरिष्ठ प्रतिनिधि श्री. अजय केलकर का सत्कार सनातन संस्था के श्री. महेश पवार द्वारा किया गया ।
समारोह में उपस्थित सनातन के ९४ वें संत पू. (श्रीमती) स्नेहलता शेट्ये का सम्मान सनातन संस्था की श्रीमती वंदना चेचरे ने किया ।
गर्मी, हवा तथा वर्षा किसी की भी परवाह किए बिना, साधना के रूप में ‘सनातन प्रभात’ अंक वितरित करनेवाले रत्नागिरी के श्री. मच्छिंद्र खेराड़े को सद्गुरु सत्यवान कदमजी द्वारा सम्मानित किया गया । वे दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के रत्नागिरी संस्करण के आरंभ होने के बाद से ही छपाई एवं वितरण की अविरत सेवा पिछले २५ वर्षों से कर रहे हैं । साथ ही रत्नागिरी छपाई सेवा से संबंधित सेवा करने वाले श्री. अनंत मालप का सत्कार श्री. अनिल देवलेजी ने किया ।
दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के रजत जयंती समारोह में वक्ताओं के विचार…
सिर्फ समाचार पत्र ही नहीं, अपितु समाज को हिन्दू राष्ट्र की दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित करने वाला ‘सनातन प्रभात’ ! ’ – सद्गुरु सत्यवान कदमजी, धर्मप्रचारक, सनातन संस्था

हिन्दू राष्ट्र आंदोलन में ‘सनातन प्रभात’ की भूमिका लोकमान्य तिलक के दैनिक ‘केसरी’ के समान है । हिन्दुत्व आंदोलन को दिशा देने वाला ‘सनातन प्रभात’ सभी हिन्दू संगठनों का आधिकारिक व्यासपीठ है । कुछ लोग कहते हैं कि हिन्दुओं को अपनी संख्या बढ़ानी चाहिए । उनके लिए ‘सनातन प्रभात’ दृष्टिकोण देता है कि ‘हिन्दू शक्ति संख्या में नहीं है, अपितु हिन्दू शक्ति का उपयोग धर्म के लाभ के लिए कैसे किया जाए इसमें है ।’ कुछ लोग “लव जिहाद” का उसी भाषा में उत्तर देने के लिए कहते हैं, “उल्टा लव जिहाद करो” इस संबंध में भी सनातन का दृष्टिकोण यह है कि ‘जो धर्मांध हिन्दू लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर उनसे विवाह करते हैं, उन्हें पाप लगता है ।’ वह उन्हें भोगना पडता है । यदि हिन्दू भी ऐसा करेंगे तो उन्हें भी पाप लगेगा । ऐसा नहीं होना चाहिए; इसलिए उन्हें हिन्दू लड़कियों को धर्मशिक्षा देने पर ध्यान देना चाहिए । हिन्दू राष्ट्र एक राजनीतिक अवधारणा नहीं है, यह एक आध्यात्मिक अवधारणा है । ‘सनातन प्रभात’ पिछले २५ वर्षों से हिन्दुत्व तथा हिन्दू राष्ट्र की आध्यात्मिक संकल्पनाओं को सुस्पष्ट करने और जागृति लाने के लिए कार्य कर रहा है । इस काल में ‘सनातन प्रभात’ को अनेक बार धमकियां मिलीं; लेकिन ‘सनातन प्रभात’ निडरता से एक धर्मयोद्धा के समान लड़ता हुआ सर ऊंचा किए खड़ा है और बहादुरी से लड़ रहा है । ‘सनातन प्रभात’ ने न केवल हिन्दू समाज में जागृति की, अपितु समाज को साधना भी सिखाई । इसलिए, बहुत से लोग धर्म का पालन करने लगे । इतना ही नहीं, ‘सनातन प्रभात’ में कार्य करने वाले कुछ लोग हिन्दू धर्म के प्रवक्ता बन गए हैं, जबकि सैकड़ों साधक भी ‘सनातन प्रभात’ के नियमित पठन के माध्यम से अच्छे वक्ता बन गए हैं । इससे यह स्पष्ट होता है कि ‘सनातन प्रभात’ केवल समाचारपत्र नहीं, अपितु समाज को हिन्दू राष्ट्र की दिशा में प्रेरित करने वाला प्रभावी माध्यम है ।
समाज में साधना का बीज बोकर हिन्दू राष्ट्र के प्रति वैचारिक प्रतिबद्धता विकसित करने वाला एकमात्र दैनिक ! – अजय केलकर, विशेष वरिष्ठ संवाददाता, दैनिक ‘सनातन प्रभात’

आज हिन्दू राष्ट्र की बात केवल भारत में ही नहीं, अपितु विश्व भर में हो रही है । कुंभ मेले में भी हिन्दू राष्ट्र की घोषणा की जा रही है । पच्चीस साल पहले ‘हिन्दू राष्ट्र’ शब्द बोलना मानो एक अघोषित अपराध था । ऐसे समय में ‘सनातन प्रभात’ द्वारा ‘ईश्वरीय राज्य’ और ‘हिन्दू राष्ट्र’ शब्दों को समाज में लोकप्रिय बनाया । प्रारम्भ से ही उसने हिन्दू राष्ट्र के प्रति वैचारिक प्रतिबद्धता विकसित की । उसने समाज में साधना के बीज बोकर न केवल समाचार दिए, अपितु समाज को उचित दृष्टिकोण भी दिया । ‘सनातन प्रभात’ ने सदैव ही हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के हिन्दुत्वनिष्ठ आंदोलनों को वैचारिक बल प्रदान किया है । ‘सनातन प्रभात’ ने सदैव ही ‘लव जिहाद’, बांग्लादेशी घुसपैठ सहित हिन्दू धर्म और राष्ट्र पर आक्रमण करने वाले प्रत्येक सूत्र को विस्तार से समझाने और उन सूत्रों को पूरा करने के लिए प्रयास किए हैं ।

क्षण चित्र
१. सभागृह में प्रवेश करते समय नमस्कार की मुद्रा में ‘सनातन प्रभात’ के ‘समर्थ’ इस बोधचित्र का ‘कटआउट’ प्रदर्शित किया गया । यह ‘समर्थ’ सभी को प्रखर एवं धर्मनिष्ठ पत्रकारिता की ग्वाही देत रहा था ।
२. ‘सनातन प्रभात’ की सदस्यता लेने के लिए एक पेड़ के पत्ते पर क्यूआर कोड लगाया गया था । इस अनूठी संकल्पना का उपयोग करते हुए, कई लोग दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के सदस्य बन गए ।
३. ‘सनातन प्रभात’ के विषय में ‘आप मेरे विषय में क्या कहेंगे ?’ शीर्षक वाले विशेष बोर्ड पर कई लोगों ने अपने मत लिखे ।