संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत द्वारा प्रस्तुत की गई पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थियों की व्यथा
अत्याचारों से पीडित उन्हें अपनी जन्मभूमि, संबंधी तथा मित्र परिवार सब का त्याग कर भारत आने के लिए विवश होना पडा । लोग केवल भय के कारण अपनी मातृभूमि का त्याग कर रहे हैं ।