संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत द्वारा प्रस्तुत की गई पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थियों की व्यथा

जिनेवा (स्विट्जर्लैंड) – भारत में नागरिकत्व संशोधन कानून पर विवाद आरंभ है । साथ ही संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में इस विषय पर विचार-विमर्श हुआ । उस समय ‘राजस्थान समग्र कल्याण संस्थान’ के सदस्य सत्यनारायण शर्मा ने नागरिकता संशोधन कानून के महत्त्वपूर्ण सूत्रों पर प्रकाश डाला । शर्मा ने पाकिस्तान से भारत आए हिन्दू शरणार्थियों की भयावह परिस्थिति के संदर्भ में परिषद को अवगत किया ।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद

उस समय शर्मा ने कहा कि अन्य देश में आश्रय लेना अत्यंत कठिन है । कुछ दिन पूर्व ही जोधपुर, बाडमेर तथा कर्णावती आदि कुछ क्षेत्रों में विस्थापित पाकिस्तानी हिन्दुओं को भारत की नागरिकता प्रदान की गई है । पीडितों के पास उनके देश में भूमि, संपत्ति तथा खेती थी; किंतु केवल धर्म के आधार पर उनसे ये सब छीन ली गई है । अंततः अत्याचारों से पीडित उन्हें अपनी जन्मभूमि, संबंधी तथा मित्र परिवार सब का त्याग कर भारत आने के लिए विवश होना पडा । लोग केवल भय के कारण अपनी मातृभूमि का त्याग कर रहे हैं । यह गंभीर एवं चिंता का विषय है ।