सामाजिक माध्यम चला रहे हैं ‘मनमानी न्यायालय´! – मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमणा
जनमानस का विचार है कि ऐसे सामाजिक माध्यमों पर न्यायालय को प्रतिबंध लगाने चाहिए !
जनमानस का विचार है कि ऐसे सामाजिक माध्यमों पर न्यायालय को प्रतिबंध लगाने चाहिए !
अबतक अंग्रेजों के बनाए कानूनों का अस्तित्व में होना, स्वतंत्रता उपरांत के सभी शासनकर्ताओं के लिए लज्जाजनक !
‘प्रसिद्धि और पैसे मिलेंगे, इसलिए हिन्दू धर्म और धर्माभिमानियों की निंदा करो’ ऐसे षड्यंत्र आजकल बडी संख्या में बढ गए हैं । ‘माध्यमों के द्वारा होनेवाली अपकीर्ति को अनदेखा करना’, ऐसी भूमिका कुछ संगठनों की है । इसलिए ऐसे प्रसारमाध्यम अधिक फलते हैं; परंतु सनातन संस्था ने प्रारंभ से ही ऐसे माध्यमों के विरोध में कानूनी लडाई लडने की भूमिका निभाई है ।
यहां के शिवकुटी क्षेत्र के कोटेश्वर शिवमंदिर के शिवलिंग पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा अंडा रखने की घटना उजागर हुई है । इसके साथ उसका छायाचित्र खींचकर उसे सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित किया गया है । इस कारण स्थानीय हिन्दुओं द्वारा रोष व्यक्त किया जा रहा है ।
व्यापारिक सौदा अंतिम होने के उपरांत मस्क ने ‘भाषण की स्वतंत्रता’ का समर्थन करनेवाला ट्वीट किया है । उनका कहना है कि लोगों की भाषण स्वतंत्रता अबाधित रहे, यही ट्वीटर लेने का उद्देश्य था ।
यहां के हवाई अड्डे के पास से १५० नागरिकों के अपहरण किए जाने का वृत्त प्रसारित हुआ था; लेकिन स्थानीय अफगानी मीडिया ने स्पष्ट किया कि, ये १५० नागरिक सुरक्षित हैं ।
राष्ट्र-प्रेमियों को यही लगता है कि, वास्तव में ऐसा आदेश केंद्र सरकार को ही देना चाहिए एवं जिन लोगों ने अब तक ऐसा समर्थन दिया है, उन्हें तत्काल बंदी बना कर कारागृह में डाल देना चाहिए !
तमिलनाडु पुलिस ने कन्याकुमारी जिले के ज्योतिनगर के ‘ड्यूसिस ऑफ क्राइस्ट एंग्लिकन चर्च ऑफ इंडिया’ से संबंधित ‘फेडरत चर्च ऑफ इंडिया’ पर छापा मारा ।