(और इनकी सुनिए…) ‘हम निष्पक्ष समाचार देते रहेंगे ! – बीबीसी का दावा
बीबीसी द्वारा निष्पक्ष समाचार देने के दावे पर कोई भी धर्मनिष्ठ हिन्दू एवं राष्ट्रप्रेमी नागरिक विश्वास नहीं करेगा, यही वास्तविकता है !
बीबीसी द्वारा निष्पक्ष समाचार देने के दावे पर कोई भी धर्मनिष्ठ हिन्दू एवं राष्ट्रप्रेमी नागरिक विश्वास नहीं करेगा, यही वास्तविकता है !
इंडिया टुडे जैसे प्रसार माध्यम द्वारा कराए गए सर्वेक्षण पर अब तथाकथित सेक्युलरवादी पुरो (अधो)गामी अपना मुंह खोलेंगे एवं ‘लव जिहाद’ के अस्तित्व को स्वीकार करेंगे, ऐसी अपेक्षा !
प्रधानमंत्री मोदी पर बनी ‘ बीबीसी न्यूज’ के वृत्तचित्र (डॉक्युमेंट्री ) का विरोध !
ऐसी हिन्दू विरोधी और कानून विरोधी कम्युनिस्ट छात्र संगठन पर सरकार को प्रतिबंध लगाना चाहिए !
हिंदुत्वनिष्ठों ने नहीं, अपितु एक विदेशी प्राध्यापक द्वारा ऐसा कहना, क्या भारत के बुद्धिवादी स्वीकार करेंगे ? धर्मप्रेमी हिन्दुओं को वैचारिक रूप से भारत की राष्ट्र-हत्या एवं धर्म-हत्या करने वाले बुद्धिजीवियों का विरोध करते रहना चाहिए !
इस पर हुई सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि, आरोप मजबूत और सीधा होगा, तो मुख्य संपादक को कोई भी छूट नहीं दे सकते । उसी प्रकार संपादकों पर सीधा आरोप न होने पर उन्हें उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता ।
भाजपा के अमित मालवीय के संदर्भ में असत्य वृतांकन करने का प्रकरण !
भारत में अल्पसंख्यक मुसलमानों पर अत्याचार का रोना रोनेवाले ‘द गार्डियन’ समान प्रसारमाध्यम अपने देश में अल्पसंख्यक समुदाय के नेता पर निशाना साध रहे हैं । इससे उनका हिन्दूद्वेषी दोहरापन ध्यान में आता है !
वृत्तवाहिनियों पर हो रहे चर्चासत्रों द्वारा किए जानेवाले द्वेषपूर्ण एवं विषैले विधानों का प्रकरण
सार्वजनिक स्थानों पर नमाजपठन करने वाले धर्मांधों के विरुद्ध कडी से कडी कार्रवाई हो, उत्तरप्रदेश भाजपा सरकार से जनता की यही अपेक्षा है !