बांग्लादेश में श्री दुर्गादेवी की और एक मूर्ति की तोडफोड
बांग्लादेश में हिन्दुओं के मंदिर और देवता असुरक्षित !
बांग्लादेश में हिन्दुओं के मंदिर और देवता असुरक्षित !
मंदिर में तोड फोड कर भगवा ध्वज जलाया
पुलिसकर्मियों पर कांच की बोतलों द्वारा आक्रमण
“हिंदू अति सहिष्णु हैं इसलिए पुलिस और प्रशासन उनके विरुद्ध कानून का लाठी उठाते हैं”,
कनाडा खलिस्तानी आतंकवादियों का अड्डा बनने से वहां ऐसी घटनाओं का होना आश्चर्य की बात नहीं है, परंतु अब भारत को केवल तीव्र शब्दों में कनाडा को निषेध व्यक्त कर चुप न बैठकर उसे समझ में आए ऐसी भाषा में कार्यवाही करनी चाहिए !
हिन्दुओं के मंदिरों पर कौन आक्रमण करता है, यह जगजाहिर होते हुए भी एक भी धर्मनिरपेक्षतावादी और आधुनिकतावादी इस विषय में मुंह नहीं खोलते !
देश में कहीं न कहीं ऐसी घटनाएं हो रही हैं, इससे यही ध्यान में आता है कि हिन्दुओं के देवताओं और मंदिरों का अपमान करने का जानबूझकर प्रयास किया जाता है ! केंद्र सरकार को दोषियों को कडे से कडा दंड दिलाने के लिए कानून बनाना चाहिए ।
ममहम्मद पैगंबर का कथित अनादर करने के कारण धर्मांध अन्य लोगों के सिर काटते हैं, तो हिन्दू उनके धार्मिक स्थलों का अनादर करने के पश्चात भी वैध मार्ग से कार्यवाही करने की मांग करते हैं, इस विषय में पाखंडी निधर्मीवादी अपना मुंह कब खोलेंगे ?
आंध्र प्रदेश में जब से हिन्दूद्वेषी सरकार सत्ता में आई है, तब से वहां हिन्दुओं पर हो रहे आघातों की शृंखला रुकने का नाम नहीं ले रही है ।
सेलम में श्री वेणुगोपाल कृष्णस्वामी मंदिर की भूमि पर हुआ अतिक्रमण हटाने का आदेश मद्रास उच्च न्यायालय ने तहसीलदाराें को दिया ।
उत्तरप्रदेश में भाजपा की सरकार होते हुए भी ऐसी घटनाओं का होना हिन्दुओं को अपेक्षित नहीं !