हिन्दुओ, परतंत्रता में धकेलनेवाले साम्राज्यवादियों को पराभूत कर भारत को अजेय राष्ट्र बनाने हेतु क्षात्रवृत्ति आवश्यक !
‘भारतीय इतिहास में एक ओर सात्त्विक एवं पराक्रमी राज्यकर्ताओं का काल ‘सुवर्णकाल’ समझा जाता है; परंतु दूसरी ओर परतंत्रता, अर्थात विदेशियों द्वारा भारत पर राज किए जाने का इतिहास है । रामायण काल में लंकापति रावण ने भारत के कुछ भाग पर राज किया ।