सनातन के ३ गुरुओं द्वारा ब्रह्मोत्सव में धारण किए वस्त्राभूषणों में विलक्षण चैतन्य उत्पन्न होना !
ब्रह्मोत्सव से पूर्व वस्त्राभूषणों में १.५ से ३.३ सहस्र मीटर तक सकारात्मक ऊर्जा थी । परात्पर गुरु डॉक्टरजी के द्वारा ब्रह्मोत्सव में इन वस्त्राभूषणों को धारण किए जाने के उपरांत उनमें विद्यमान सकारात्मक ऊर्जा ४२ सहस्र से लेकर १ लख मीटर से भी अधिक हुई ।