असम में बीजेपी को ‘मियां मुसलमानों’ के मत नहीं चाहिए ! – मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सर्मा , असम
स्वतंत्रता के उपरांत राजनेताओं द्वारा मतपेटी को ध्यान में रखकर बड़ी संख्या में मुसलमानों का तुष्टीकरण किया गया । इससे बहुसंख्यकों के मौलिक अधिकारों का हनन हुआ । उनके साथ दूसरे श्रेणी के नागरिकों जैसा व्यवहार किया गया । इस पृष्ठभूमि में हिमंत बिस्वा सरमा की नीति बहुसंख्यक हिन्दुओं को दिलासा देने वाली है !