सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर पाकिस्तान का अनाधिकार तांडव !
इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद ३७० निरस्त करने के केंद्र सरकार के निर्णय को योग्य बताने के उपरांत पाकिस्तान ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है । पाकिस्तान के अंतरिम विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर भारतीय संविधान की सर्वोच्चता को स्वीकार नहीं किया जाएगा । जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान से अलग करने की प्रत्येक भारतीय योजना विफल हो जाएगी ।
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Pakistan Rejects the Indian Supreme Court’s Verdict on Indian Illegally Occupied Jammu and Kashmir
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— Spokesperson 🇵🇰 MoFA (@ForeignOfficePk) December 11, 2023
१. जिलानी ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर का विषय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विवाद है । यह विषय ७ दशकों से अधिक समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कार्य सूची में है । भारत को कश्मीरी लोगों एवं पाकिस्तान की इच्छा के विरुद्ध इस विवादित क्षेत्र पर एकांगी निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है । पाकिस्तान में भारतीय संविधान में अंतर्भूत किसी भी प्रक्रिया का कोई वैधानिक महत्त्व नहीं है । भारत अपने विधानों तथा न्यायिक निर्णयों के आधार पर अंतरराष्ट्रीय दायित्वों से बच नहीं सकता ।
३. जब पाकिस्तानी पत्रकारों ने जिलानी से प्रश्न किया कि क्या सीमा पर अब भी शांति कायम है ? तब उन्होंने कहा कि गत २-३ वर्ष से सीमा पर शांति बनी हुई है । हम चाहते हैं कि यह वातावरण बना रहे । कश्मीर विषय पर भविष्य की नीति निश्चित करने के लिए हितधारकों की बैठक बुलाकर आगामी रणनीति निश्चित की जाएगी । संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर कार्रवाई की जानी चाहिए, जिसमें कहा गया है कि कश्मीर के लोगों को अपनी इच्छा व्यक्त करने के लिए जनमत संग्रह में परखा जाना चाहिए ।
संपादकीय भूमिकापाकिस्तान सहमत है अथवा नहीं, यह महत्त्वहीन है; क्योंकि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है । उन्हें स्मरण रखना चाहिए कि पाकिस्तान चाहे कितना भी प्रयत्न कर ले, ये परिवर्तित नहीं होगा ! |