राष्ट्ररक्षा एवं धर्मजागृति के लिए प्रतिबद्ध नियतकालिक ‘सनातन प्रभात’ से संबंधित निम्नांकित सेवाओं में सम्मिलित हों !

हिन्दूविरोधियों, वामपंथियों, आधुनिकतावादियों, धर्मनिरपेक्षतावादियों आदि के द्वारा जहां हिन्दू धर्म पर चारों दिशाओं से आघात हो रहे हैं । ऐसे में उस विषय में दृढतापूर्वक प्रतिवाद कर हिन्दुओं का दिशादर्शन करनेवाला नियतकालिक है ‘सनातन प्रभात’ !

घोर आपातकाल आरंभ होने से पूर्व सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी द्वारा संकलित लगभग दो हजार से अधिक ग्रंथ शीघ्र प्रकाशित करने के लिए साधकों की आवश्यकता !

हिन्दू राष्ट्र कई हजार वर्ष टिकेगा; परंतु ग्रंथों का ज्ञान अनंत काल टिकनेवाला है । इसलिए जैसे हिन्दू राष्ट्र शीघ्र आना आवश्यक है, उतनी ही शीघ्रता, अपातकाल और तीसरे विश्वयुद्ध के आरंभ होने से पहले ग्रंथ प्रकाशित करने की है ।

सनातन के ग्रंथों को ‘ई-बुक’ स्वरूप में उपलब्ध कराने की सेवा में योगदान करें !

आजकल समाज में संगणकों, चल-दूरभाष संचों आदि का बडे स्तर पर उपयोग किया जा रहा है । उसके कारण सनातन के ग्रंथों को समाज के लिए ‘ई-बुक’ के रूप में उपलब्ध कराने की बडी सेवा उपलब्ध हुई है ।

सनातन के आश्रमों में हाथ तथा कपडे धोने के साबुन की आवश्यकता !

संपूर्ण भारत के सनातन के सभी आश्रमों एवं सेवाकेंद्रों में रहनेवाले साधकों के लिए हाथ तथा कपडे धोने के साबुन की आवश्यकता है । इसके लिए सात्त्विक सुगंधवाले तथा सभी ऋतुओं में उपयोग किए जा सकें; ऐसे किसी भी प्रतिष्ठान के साबुन चलेंगे ।

संगणक सुधार के अंतर्गत निम्न सेवाओं में सम्मिलित हों !

राष्ट्र एवं धर्म के कार्य के अंतर्गत विभिन्न सेवाओं के लिए संगणक की आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाता है । आज के समय में संगणकों की देखभाल तथा उनमें सुधार के लिए उपलब्ध साधक संख्या अपूर्ण (अधूरी) है ।

सनातन के बढते कार्य में निर्माणकार्य क्षेत्र की सेवाओं के लिए स्थापत्य अभियंताओं की आवश्यकता !

सनातन के आश्रम में पूर्णकालिक रहकर मनुष्यजन्म का सार्थक करने के ध्येय से प्रेरित साधकों की संख्या बढ रही है । साधकों की बढती संख्या को देखते हुए वर्तमान में आश्रम की वास्तु अपर्याप्त है । इसलिए नई वास्तु की निर्मिति के लिए स्थापत्य अभियंताओं की (‘सिविल इंजीनियर’ की) आवश्यकता है ।

पूर्वजों का कष्ट दूर करने के लिए पितृपक्ष में करने हेतु दत्त का सुधारित नामजप !

अभी अनेक साधकों को अनिष्ट शक्तियों का कष्ट हो रहा है । पितृपक्ष में ( १० सितंबर से २५ सितंबर २०२२ तक ) यह कष्ट बढता है, इसलिए इस कालावधि में प्रतिदिन सुधारित नामजप ‘ॐ ॐ श्री गुरुदेव दत्त ॐ ।’ करना है ।

सनातन के दिव्य ग्रंथों के लिए अनुवादकों की आवश्यकता !

जिन्हें अध्यात्म के प्रति रुचि है उन्हें ईश्वरप्राप्ति शीघ्र कराने हेतु तथा संपूर्ण विश्व में हिन्दू धर्म का शास्त्रीय परिभाषा में प्रचार करने के उद्देश्य से, सनातन ने मई २०२१ तक ३३८ अनमोल ग्रंथों का प्रकाशन किया है, भविष्य में हजारों ग्रंथ प्रकाशित होंगे ।

वाहन की दुर्घटना न हो, साधक इसकी दक्षता इस प्रकार लें तथा प्रवास में उपयोग करने का ‘दुर्घटना निवारण यंत्र’!

‘वर्तमान में आपत्काल की तीव्रता तथा अनिष्ट शक्तियों के आक्रमण बढ रहे हैं । अतः साधकों के संदर्भ में निरंतर वाहन की दुर्घटना होने की घटनाएं हो रही हैं । अतएव साधक दुपहिया तथा चारपहिया वाहन चलाते समय आगे प्रस्तुत सावधानी अवश्य लें ।

रामनाथी (गोवा) के सनातन के आश्रम में रोपण का अनुभव प्राप्त और शारीरिक सेवा की क्षमता रखनेवालों की आवश्यकता !

सनातन के रामनाथी (गोवा) के आश्रम में विभिन्न औषधिय वनस्पतियों, फल के पेडों, सब्जियों आदि का रोपण किया गया है । उनकी देखभाल करना और नया रोपण करना आदि सेवाओं के लिए मानव संसाधन की आवश्यकता है ।