अपरिचित संपर्क क्रमांक से कोई संपर्क करे अथवा लघुसंदेश भेजे, तो स्वयं की आर्थिक हानि न हो; इसलिए सतर्क रहें !

हाल ही में कुछ अपरिचित व्यक्तियों द्वारा कुछ साधकों एवं पाठकों को चल-दूरभाष से लघु संदेश (एस.एम.एस.) भेजकर ‘आप… व्यक्ति से परिचित हैं क्या ?’, ऐसा पूछकर उस व्यक्ति के विषय में अनावश्यक जानकारी प्राप्त करना अथवा साधक एवं पाठक के मन में भ्रम निर्माण करने का प्रयास किया जा रहा है ।

पितृदोष से उत्पन्न कष्ट दूर करने के लिए पितृपक्ष में किया जानेवाला दत्तात्रेय का नामजप एवं प्रार्थना !

पितृपक्ष की अवधि में पितृदोष से उत्पन्न कष्टों से रक्षा होने हेतु पूरे दिन में बीच-बीच में भगवान दत्तात्रेय से प्रार्थना करें और प्रतिदिन न्यूनतम १ घंटा ‘ॐ ॐ श्री गुरुदेव दत्त ॐ’ नामजप करें ।

विजेता छात्रों को सनातन के ग्रंथ पुरस्कार स्वरूप देने के लिए प्रधानाध्यापक एवं प्राचार्याें से संपर्क करें !

विद्यालयीन अथवा महाविद्यालयीन वर्ष के आरंभ में ही छात्रों को सनातन के ग्रंथ पुरस्कार स्वरूप देने के संदर्भ में विनती पत्र प्रधानाध्यापक एवं प्राचार्याें को देने का नियोजन करें ।

सनातन के दिव्य ग्रंथों के विविध सेवाओं के लिए साधकों की आवश्यकता !

विविध भाषाओं में लिखित सामग्री को संकलित करना, मुद्रित शोधन (प्रूफ रीडिंग) तथा संरचना (फॉरमेटिंग) करने की सेवा भी उपलब्ध है । आपकी रुचि और क्षमता जिस क्षेत्र में है उसके अनुरूप आप सेवा कर सकते हैं ।

‘दोनों हथेलियों की एकत्रित मुद्रा’ कर शरीर पर से कष्टदायक शक्ति का आवरण निकालने की पद्धति !

गुरुकृपा से ही शरीर पर से आवरण निकालने की इन पद्धतियों को ढूंढ पाए । इसके लिए हम साधक श्री गुरु के श्रीचरणों में कृतज्ञता व्यक्त करते हैं ।

‘मीनार (टॉवर) मुद्रा’ द्वारा शरीर पर आया आवरण निकालने की पद्धति

सहस्रारचक्र पर पकडी हुई ‘मीनार’ मुद्रा (‘टॉवर’ की मुद्रा), साथ ही ‘पर्वतमुद्रा’ के कारण अनिष्ट शक्तियों का कष्ट शीघ्र दूर होने में सहायता मिलना

पाठशाला एवं महाविद्यालयों में आयोजित प्रतियोगिताओं में विजयी छात्रों को सनातन के ग्रंथ एवं लघुग्रंथ भेंटस्वरूप दें !

छात्रों को पुरस्कार के रूप में सनातन द्वारा प्रकाशित ‘बालसंस्कार’ ग्रंथमाला के, साथ ही अन्य ग्रंथ देने से उनके मन पर सुसंस्कारों का महत्त्व अंकित होने में सहायता मिलेगी ।

घोर आपातकाल का आरंभ होने से पूर्व सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के संकलित ग्रंथ शीघ्र ही प्रकाशित होने के लिए साधकों की आवश्यकता !

ग्रंथमालाएं अधिक वेग से होने के लिए अनेक लोगों की सहायता की आवश्यकता है । अपनी रुचि एवं क्षमता के अनुसार ग्रंथ-निर्मिति की सेवा में सहभागी होकर इस स्वर्णिम अवसर का अधिकाधिक लाभ लें !

छात्र-साधकों, गर्मियों की छुट्टियों में चैतन्यदायक आश्रम जीवन का अनुभव करें तथा अंतर्मन में साधना का बीज बोकर हिन्दू राष्ट्र के लिए पात्र बनें !

जिलासेवक छात्र-साधकों का चयन करते समय वे आश्रमजीवन का, साथ ही सेवा से संबंधित प्रशिक्षण का लाभ उठाकर आगे जाकर सेवा के लिए समय दे सकें, ऐसे छात्र-साधकों का ही नियोजन करें ।

‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ को चित्रण के लिए आवश्यक सामग्री !

जो पाठक, शुभचिंतक एवं धर्मप्रेमी यह बल्ब अर्पण के रूप में दे सकते हैं अथवा खरीदने के लिए धनरूप में यथाशक्ति सहायता करने के इच्छुक हैं, वे निम्नांकित क्रमांक पर संपर्क करें ।