पाठशाला एवं महाविद्यालयों में आयोजित प्रतियोगिताओं में विजयी छात्रों को सनातन के ग्रंथ एवं लघुग्रंथ भेंटस्वरूप दें !

पाठशाला के प्रधानाध्यापक एवं महाविद्यालय के प्राचार्याें को नम्र विनती !

१. वार्षिक स्नेहमिलन एवं अन्य स्पर्धाओं में सफलता प्राप्त छात्रों को विविध पुरस्कार देकर गौरवान्वित करें !

प्रति वर्ष दिसंबर एवं जनवरी माह में सभी पाठशालाओं एवं महाविद्यालयों में वार्षिक स्नेहमिलन का आयोजन किया जाता है । छात्र अपनी कुशलता एवं रुचि के अनुसार गायन, नृत्य, नाटक एवं अभिनय आदि प्रस्तुत करते हैं । छात्रों को अपने प्रस्तुतीकरण के लिए विविध पुरस्कार दिए जाते हैं । उसी प्रकार पूरे वर्ष भी पाठशाला एवं महाविद्यालयों में भाषण, गायन, संगीत, आउटडोर खेल आदि विविध प्रतियोगिताएं आयोजित होती रहती हैं । विजयी छात्रों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं प्रोत्साहन पुरस्कार देकर उन्हें गौरवान्वित किया जाता है ।

२. छात्रों के लिए उपयुक्त सनातन के ग्रंथ एवं लघुग्रंथ के नाम

छात्रों को पुरस्कार के रूप में सनातन द्वारा प्रकाशित ‘बालसंस्कार’ ग्रंथमाला के, साथ ही अन्य ग्रंथ देने से उनके मन पर सुसंस्कारों का महत्त्व अंकित होने में सहायता मिलेगी । ‘व्यावहारिक जीवन में सफल होने के साथ ही गुणी एवं आदर्श होने के लिए क्या करना चाहिए ?’, इस संदर्भ में अनमोल जानकारी इन ग्रंथों में दी है । छात्रों के लिए वह मार्गदर्शक होगी ।
स्थानीय साधक अथवा नियतकालिकों के वितरक के पास अथवा 9322315317, इस संपर्क क्रमांक पर निम्नांकित ग्रंथों की मांग करें । सनातन द्वारा प्रकाशित अन्य ग्रंथों के विषय में जानकारी हेतु sanatanshop.com जालस्थल देखें ।

ग्रंथ जिस भाषा में उपलब्ध है, उसके आगे भाषा के स्तंभ में ✔ चिन्ह है ।

साधकों के लिए सूचना !

विजयी छात्रों को सनातन के ग्रंथ पुरस्कार के रूप में देने के लिए प्रधानाध्यापक एवं प्राचार्याें से संपर्क करें !

सर्वत्र के साधकों को जिले की पाठशालाओं के प्रधानाध्यापक एवं महाविद्यालय के प्राचार्य से मिलकर ग्रंथों की जानकारी दें । छात्रों को राष्ट्र के विषय में ‘संस्कार’ एवं पुरस्कार के रूप में अन्य ग्रंथ देने के लिए प्रवृत्त करें ।

पाठशाला अथवा महाविद्यालय सत्र के आरंभ में ही छात्रों को पुरस्कार के रूप में सनातन के ग्रंथ देने के संदर्भ में प्रधानाध्यापक एवं प्राचार्याें को प्रार्थना पत्र देने का नियोजन करना चाहिए ।