पादरी ने अमेरिका में एक लडकी से लगातार १५ वर्ष तक बलात्कार किया !

भारत में सामाजिक माध्यमों  द्वारा ऐसी घटनाओं को दबा दिया जाता है, क्योंकि वे स्वयं को धर्मनिरपेक्ष मानते हैं और उनकी दृष्टि में पादरी सभ्य गृहस्थ होते हैं !

कैनडा में विमान दुर्घटना में मुंबई के प्रशिक्षणार्थी पायलटों की मृत्यु 

कैनडा में ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के वैंकूवर शहर से १०० किलोमीटर दूरी पर हवाई जहाज गिरकर हुई दुर्घटना में २ प्रशिक्षणार्थी पायलटों सहित ३ लोगों की मृत्यु हो गई ।

आपने ही देश की दुर्दशा की ! – कनाडा के प्रधानमंत्री जस्‍टिन ट्रुडो को अपने ही नागरिक ने सुनाया !

इस प्रसंग का वीडियो सामाजिक माध्‍यमों पर प्रसारित हो रहा है ।

अवैध कारवाईयों के लिए कनाडा के ८ सिख युवक बंदी  

यह कहा जा रहा है कि भारत तथा कनाडा के बीच तनावपूर्ण संबंधों की पृष्‍ठभूमि पर इन्‍हें बंदी बनाया गया है ।

जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की संसद में नवनिर्वाचित अध्यक्ष को आंख मारी !

इतिहास में जस्टिन ट्रूडो की पहचान आतंकवादियों को आश्रय देने वाले, नाजियों का उदत्तीकरण करने वाले, असांस्कृतिक व्यवहार करने वाले अपरिपक्व नेता के रूप में की जाएगी, यह निश्चित है !

पूरे विश्व में अपने लिए अनुकूल वातावरण निर्माण करने हेतु चीन द्वारा अरबों डॉलर्स व्यय (China narrative) !

अमेरिका (United States) की एक रिपोर्ट का दावा
पाकिस्तानी प्रसारमाध्यमों को भी अपने नियंत्रण में लेने का चीन का प्रयत्न !

कनाडा ने भारत से उसके ४१ राजनयिकों को हटाया

खालिस्‍तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्‍जर की हत्‍या के प्रकरण में भारत पर आरोप लगाने के उपरांत से, भारत तथा कनाडा में विवाद निर्माण हुआ है ।

अमेरीका के रिपब्लिकन दल के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने जेलेंस्की को फटकारा  !

युक्रेन में चुनाव हेतु राष्ट्रपति जेलेंस्की द्वारा अमरिका से निधि की मांग करने के संदर्भ में  !

भारत में हिन्‍दू बहुसंख्‍यक होते हुए भी उनकी मानसिकता अल्‍पसंख्‍यकों की भांति ! – फ्रान्‍सुआ गोतिए, फ्रेंच पत्रकार

जो एक विदेशी पत्रकार को समझ में आता है, वह निद्राधीन हिन्‍दुओं की समझ में नहीं आता, यह दुर्भाग्‍यपूर्ण ! यदि कोई कहे ‘ऐसे हिन्‍दू मार खाने के ही योग्‍य हैं’, तो यह गलत नहीं होगा !

(और इनकी सुनिए…) ‘हमारे राजनीतिक अधिकारियों का भारत में रहना कनाडा के लिए महत्वपूर्ण ! – प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो

इसके लिए प्रथम कनाडा को उसके देश में रहने वाले खालिस्तानी आतंकवादियों को भारत को सौंपना चाहिए । साथ ही वहां चल रही खालिस्तानी मुहिम को निष्फल करना चाहिए । ये दोनों बातें ट्रूडो के न कर सकने के कारण कनाडा के अधिकारियों को निकालना आवश्यक ही है !