ट्रुडो अभिव्यक्ति स्वतंत्रता पर रोक लगा रहे हैं ! – मस्क

भारत-कनाडा के मध्य हो रहे विवाद में अब करोडोपति इलॉन मस्क, जस्टिन ट्रुडो पर भडके !

‘आधुनिक भारत-अमेरिका संबंध’के शिल्पकार हैं डॉ. एस्. जयशंकर !

गत कुछ वर्षों में भारत और अमेरिका निकट भले ही आए हों, तब भी अमेरिका की मूल मनोवृत्ति भारत ने पहचान ली है और अब उसे भूलना नहीं है !

कनाडा द्वारा आतंकवाद, कट्टरतावाद एवं हिंसा को छूट !

जो आतंकवाद एवं अलगाववाद की भाषा बोलते हैं, वे गिने-चुने लोग ही हैं । उन पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए । ऐसा नहीं समझा जाना चाहिए कि अलगाववादियों के विचार सभी सिक्ख समाज के हैं !

कनाडा में मानव तस्‍करी, अलगाववाद, हिंसा तथा आतंकवाद का मिश्रण !  

कनाडा ने आतंकवादी तथा आतंकवादी कार्रवाईयों में सहभागी लोगों का साथ दिया है । ऐसे लोगों को कनाडा में स्‍थान मिला है ।

कनाडा के गुरुद्वारे में भारतीय अधिकारियों की हत्या के धमकी देनेवाले फलक लगाए गए हैं !

इससे ध्यान में आता है कि कनाडा दूसरा पाकिस्तान बन गया है !

कनाडा में भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तानियों का विरोध प्रदर्शन !

खालिस्तानियों ने २५ सितंबर को कनाडा में २ स्थानों पर भारत के विरुद्ध प्रदर्शन किया । इस अवसर पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला भी जलाया गया ।

पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत का पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का दौरा !

अमेरिका का सच्चा स्वरूप ! अमेरिका भारत का कभी भी मित्र हो नहीं सकता । अमेरिका स्वयं के स्वार्थ के लिए किसी एक देश को नजदीक करता है और स्वयं का स्वार्थ सिद्ध हो जाने पर उसे दुत्कार देता है ।

न्यू जर्सी (अमेरिका) में भारत के बाहर सबसे बडे हिन्दू मंदिर का ८ अक्टूबर को होगा उद्घाटन !

भारत के बाहर विश्व के सबसे बडे हिन्दू मंदिर निर्माण किया गया है । स्वामीनारायण संप्रदाय का यह मंदिर न्यू जर्सी के रॉबिंसविले शहर में है । यह मंदिर १६२ एकड भूमि पर बनाया गया है ।

जस्टिन ट्रूडो ने बहुत बडी भूल की है तथा वे हवा में तीर चला रहे हैं ! – माइकल रुबिन, पूर्व अमेरिकी अधिकारी

मुझे प्रतीत होता है कि प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बहुत भूल कर दी है । उन्होंने भारत पर इस तरह से आरोप लगाए हैं, जिनका प्रमाण वे अभी तक प्रस्तुत नहीं कर पाए हैं ।

कुछ सप्ताह पूर्व निज्जर की हत्या के प्रमाण भारत को प्रस्तुत किए हैं !

ट्रूडो खुल कर क्यों नहीं कहते कि उन्होंने भारत को क्या प्रमाण प्रस्तुत किए हैं ?