Nijjar Murder Case : खालिस्तानी आतंकवादी हरदीपसिंह निज्जर की हत्या प्रकरण में ३ भारतीयों को बंदी बनाया

भारत ने सौंपा था हत्या करने का दायित्व ! – पुलिस का आरोप

भारत ने हमेशा अप्रवासियों की मदद की है ! – विदेश मंत्री एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत को “विदेशी विरोधी” कहने और इसे “आर्थिक रूप से परेशान देशों” की श्रेणी में रखने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन की आलोचना की है।

इज़राइल-हमास संघर्ष को समाप्त करने के लिए पॅलेस्टाईन के निर्माण के लिए हमारा समर्थन ! – भारत

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में इजरायल और हमास के बीच युद्ध समाप्त करने हेतु पॅलेस्टाईन की मांग को समर्थन देने की घोषणा की है।

India Slam Pakistan : भारत पर बोलनेवाले पाकिस्तान का संपूर्ण इतिहास संदेहास्पद !

संयुक्त राष्ट्रों में फिर से एक बार भारत ने पाकिस्तान को लगाई फटकार !

UN On Protest In US : अमेरिका की ओर से अभिव्यक्ति स्वतंत्रता का उल्लंघन ! – संयुक्त राष्ट्र

फिलिस्तीन के समर्थन में आंदोलन करने वाले विद्यार्थियों को बंदी बनाए जाने का प्रकरण

Xenophobia : भारत और जापान को निर्वासितों का डर लगता है ! – अमेरिका

डर और खतरा दोनों में मूलभूत भेद भी न जानने वालों *का भारत की भूमिका के विषय में न बोलना ही समझदारी होगी !

प्लास्टिक का उत्पादन कम करने के लिए चीन और सौदी अरेबिया इनका विरोध !

दुनिया को प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए कॅनडा में चल रही अंतरराष्ट्रीय वार्ता समिति की चौथे दौर की वार्ता व्यर्थ रही। प्लास्टिक उत्पादन को कम करने पर दुनिया भर के अधिकांश देशों में आम सहमति का अभाव था।

CNN Writes Islamophobia In India : प्रधानमंत्री मोदी की भाजपा ने धर्मनिरपेक्ष भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ में किया परिवर्तित !

भारत शीघ्र ही हिन्दू राष्ट्र होगा, यह पत्थरकी लकीर है । इसलिए कोई कितना भी हिन्दूद्वेषी हो और इस संदर्भ में कितना भी विषवमन करे, उसका कोई प्रभाव इसपर नहीं होगा, यह बात वे समझ लें !

Goldy Brar Killed : खालिस्तानी आतंकवादी गोल्डी बरार की अमेरिका में हत्या !

सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के मुख्य संदेहास्पद आरोपी के रूप में पंजाब पुलिस को, साथ ही अन्य राज्यों की पुलिस को वह चाहिए था ।

Indian Embassy Attack Case : भारतीय दूतावास पर खालिस्तानियों द्वारा किए आक्रमण के प्रकरण में अमेरिका १ वर्ष के उपरांत कर रहा है कार्यवाही !

विशेषता यह है कि इसके पूर्व ऐसे खालिस्तान समर्थक संगठनों की कार्यवाहियों को अमेरिका ने अभिव्यक्ति स्वतंत्रता की कक्षा में रखा था ।