भारत में हिन्‍दू बहुसंख्‍यक होते हुए भी उनकी मानसिकता अल्‍पसंख्‍यकों की भांति ! – फ्रान्‍सुआ गोतिए, फ्रेंच पत्रकार

फ्रेंच पत्रकार फ्रान्‍सुआ गोतिए का स्‍पष्‍ट वक्‍तव्‍य !

फ्रेंच पत्रकार फ्रान्‍सुआ गोतिए

वॉशिंग्‍टन (अमेरिका) – प्रसिद्ध फ्रेंच पत्रकार फ्रान्‍सुआ गोतिए ने साक्षात्‍कार के समय कहा, ‘भारत में १४० करोड जनसंख्‍या में हिन्‍दू बहुसंख्‍यक हैं । हिन्‍दू धर्म विश्‍व का तीसरा सबसे बडा धर्म है; परंतु हिन्‍दुओं की मानसिकता अल्‍पसंख्‍यकों की भांति बन गई है । उनमें भाईचारे का भाव भी अल्‍प है । यह एक बडी समस्‍या है ।’ वे यहां ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में सहभागी हुए थे, तभी उन्‍होंने यह वक्‍तव्‍य किया । वर्तमान में गोतिए पुणे में निर्माण किए जानेवाले छत्रपति शिवाजी महाराज के संग्रहालय के लिए अमेरिका से निधि प्राप्‍त करने का प्रयास कर रहे हैं ।

पूरे विश्‍व में हिन्‍दू धर्म पर प्रहार हो रहे हैं !

इस साक्षात्‍कार में गोतिए ने कहा ‘‘इतिहास से सीख कर हिन्‍दुओं को लडना चाहिए । आज पूरे विश्‍व में हिन्‍दुओं पर आक्रमण हो रहे हैं । अफगानिस्‍तान, पाकिस्‍तान हो अथवा भारत की ईसाई मिशनरियों द्वारा हो रहा धर्मांतरण हो, भारत में धर्मांतरण की बडी समस्‍या निर्माण हुई है । विशेषकर पंजाब एवं दक्षिण भारत में भारत का पश्‍चिमीकरण हो रहा है ।’’

भारतीय विचारवंत पूरे विश्‍व में जाकर कह रहे है, ‘हिन्‍दू धर्माभिमानी इस्‍लामी कट्टरतावादियों की भांति संकटकारी (खतरनाक) हैं ।’

गोतिए को जब पूरे विश्‍व के हिन्‍दुओं के विषय में प्रश्‍न पूछे गए, तब उन्‍होंने कहा, ‘‘भारत के विषय में पूरे विश्‍व के लोगों में जागृति करने के लिए सरकार द्वारा कुछ विचारवंतों को वहां भेजा जाता है; परंतु ये लोग कहते हैं, ‘हिन्‍दू धर्माभिमानी इस्‍लामी कट्टरतावादियों की भांति संकटकारी हैं ।’ जो पूर्ण रूप से असत्‍य है । इसमें कुछ भी तथ्‍य नहीं है । क्‍योंकि हिन्‍दुआें ने कभी भी भारत से बाहर जाकर अपना धर्म अन्‍यों पर नहीं थोपा । इसके विपरित ईसाई धर्म दक्षिण अमेरिका में गया एवं मिशनरियों ने वहां की संस्‍कृति नष्ट की । इस्‍लाम इजिप्‍ट में पहुंचा एवं वहां की संस्‍कृति नष्ट की । हिन्‍दुओं ने कभी किसी का धर्मांतरण करने का प्रयास नहीं किया ।

विश्‍व में सर्वाधिक सहिष्‍णु हिन्‍दू !

हिन्‍दुओं के विषय में गोतिए ने आगे कहा, ‘हिन्‍दू विश्‍व के सर्वाधिक सहिष्‍णु लोग हैं । यदि कोई कहता है कि हिन्‍दू कट्टरतावाद का उदय हो रहा है’, तो वह अनुचित है । इसी कारण से मैं छत्रपति शिवाजी महाराजजी का संग्रहालय निर्माण कर रहा हूं ।

छत्रपति शिवाजी महाराजजी का साहस असामान्‍य !

 छत्रपति शिवाजी महाराजजी के संग्रहालय के विषय में गोतिए ने कहा, ‘मैं उनका सम्‍मान करता हूं । क्‍योंकि उनका साहस असामान्‍य था । उनका साहस बुद्धिमत्ता से भी अधिक था; परंतु आज हिन्‍दुओं पर इतने अत्‍याचार हो रहे हैं, अमानुषी आक्रमण हो रहे हैं, हत्‍याएं एवं बलात्‍कार हो रहे हैं, जिससे हिन्‍दुओं में भय की मानसिकता निर्माण हुई है ।

संपादकीय भूमिका 

  • जो एक विदेशी पत्रकार को समझ में आता है, वह निद्राधीन हिन्‍दुओं की समझ में नहीं आता, यह दुर्भाग्‍यपूर्ण ! यदि कोई कहे ‘ऐसे हिन्‍दू मार खाने के ही योग्‍य हैं’, तो यह गलत नहीं होगा !
  • हिन्‍दुओं को गांधीगिरी एवं आत्‍मघाती सर्वधर्मसमभाव की घुट्टी (डोज) पिलाई गई है । आज हिन्‍दुओं की स्‍थिति ‘सर्वाधिक पीटे जानेवाले, अत्‍याचार होनेवाले’ ऐसी हो गई है । हिन्‍दुओं के क्षात्रतेज का लय हो गया है । हिन्‍दुओं में पुनः तेज का निर्माण करने के लिए उनके द्वारा साधना करवाकर लेना ही आवश्‍यक है !