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वॉशिंग्टन (अमेरिका) – अमेरिका के एक ब्योरे (रिपोर्ट) अनुसार यह जानकारी मिली है कि चीनी सरकार अपने लिए अनुकूल वातावरण निर्माण करने के लिए पूरे विश्व में अरबों डॉलर्स खर्च कर रही है । इस माध्यम से ताईवान, मानवाधिकार, दक्षिण चीन सागर एवं चीनी अर्थव्यवस्था से संबंधित समाचार और चीन के लिए प्रतिकूल जो समाचार हैं, उन्हें चीन दबाने का प्रयास कर रहा है । चीन, रूस के साथ भी सूचना (information) क्षेत्र में कार्य कर रहा है । इस माध्यम से चीन को पूरे विश्व में अपने लिए अनुकूल वातावरण निर्माण करना सुलभ होगा ।
पाकिस्तान की मीडिया पर ‘कब्जा’ करना चाहता है चीन! अमेरिकी रिपोर्ट ने किया हैरान करने वाला खुलासाhttps://t.co/jRVAFJDCxN#pakistanmedia #american #China
— India TV (@indiatvnews) October 5, 2023
ब्योरे में प्रस्तुत सूत्र
१. चीन पाकिस्तानी प्रसारमाध्यमों पर नियंत्रण पाने का प्रयास कर रहा है । उसके लिए चीन अंतर्राष्ट्रीय अभियान का एक जाल बिछा रहा है ।
२. पाकिस्तान एवं चीन में महत्त्वाकांक्षी आर्थिक योजना, अर्थात ‘चाइना-पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडोर’ के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय प्रसारमाध्यम आलोचना कर रहे हैं । उसके विरुद्ध दोनों देशों ने ‘सीपेक रैपिड रिस्पॉन्स इन्फॉर्मेशन नेटवर्क’ नामक अभियान आरंभ किया है । इस माध्यम से ‘चीन-पाकिस्तान मीडिया कॉरिडोर’ कार्यान्वित किया गया है ।
३. दोनों देश उनके विरुद्ध हो रही तथाकथित बेबुनियादी बातों (अफवाहों) का खंडन करने का प्रयास कर रहे हैं । महत्त्वपूर्ण समाचारों का उर्दू भाषा में भाषांतर भी किया जाएगा ।
संपादकीय भूमिकाभारत में भी चीनी सरकार की प्रसारमाध्यमों से हाथ मिलाकर भारतविरोधी गतिविधियां चल रही हैं । चीन से त्रस्त देशों को एकत्र होकर, चीन का बहिष्कार करने की दृष्टि से भारत को पहल करनी चाहिए ! |