पाकिस्तान से देहली आए हिन्दू शरणार्थियों का ईसाई मिशनरियों द्वारा किया जा रहा है धर्मांतरण !
भारत की राजधानी में ऐसा होना, हिन्दुओं के लिए लज्जाजनक है ! हिन्दू संगठनों को यह प्रयास वैधानिक रूप से रोकना आवश्यक है !
भारत की राजधानी में ऐसा होना, हिन्दुओं के लिए लज्जाजनक है ! हिन्दू संगठनों को यह प्रयास वैधानिक रूप से रोकना आवश्यक है !
जो हिन्दुओं के साथ छल कर उनका धर्मांतरण करने वालों के विरुद्ध स्वयं कार्यवाही नहीं करते एवं जब उन्हें ग्रामीण पकडते हैं, तो वो उन्हें मुक्त कर देते हैं ; इससे क्या यह समझा जाए कि, यह पुलिस का हिन्दू -द्वेष एवं ईसाई प्रेम है ?
आज दुर्भाग्य से, भारत की असंख्य युवा पीढी के आदर्श क्रिकेटर होने के कारण, कल वो भी क्रिकेटरों के समान हलाल मांस खाना आरंभ कर देंगे ! यह भारत में हलाल मांस की खपत बढाने का सुनियोजित षड्यंत्र है, यह ध्यान रखें ।
सीबीआई ने बताया है कि, महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु आत्महत्या ही थी । इसके लिए महंत आनंद गिरि, आध्या तिवारी एवं उनके पुत्र संदीप तिवारी पर बाध्य करने का आरोप है । इन तीनों के विरुद्ध, धारा ३०६ एवं १२० ब के अंतर्गत प्रकरण प्रविष्ट किया गया है ।
“सुबह भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को स्नान कराते समय हाथ उखड गया था ।” घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर निरंतर प्रसारित हो रहा है । लेखी सिंह गत ३० वर्षों से अर्जुन नगर के पथवारी मंदिर में पुजारी के पद पर कार्यरत हैं ।
उनका आजीवन पालन पोषण करने की अपेक्षा, उन पर द्रुतगति न्यायालय में प्रकरण चला कर उन्हें मृत्युदंड हो ; इसके लिए सरकार को प्रयास करने चाहिए !
प्रधानमंत्री मोदी का यह निर्णय साहस एवं शौर्य दिखाता है ; परंतु, भविष्य में आवश्यकता होने पर पुनः एक बार कृषि कानून बनाए जाएंगे”, ऐसा वक्तव्य राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने किया है ।
इस प्रकार लोगों को विदेश भेजा जा सकता है, इससे स्पष्ट होता है, कि भारत में सरकारी व्यवस्था कितनी दुर्बल एवं भ्रष्ट है ! इसमें दोषियों को मृत्यु दंड ही मिलना चाहिए !
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी के साथ दूरभाष से संवाद किया और बाढ की स्थिति की समीक्षा कर राज्य की सर्वाेपरी सहायता करने का आश्वासन दिया ।
यदि इमरान खान सिद्धू के बडे भाई हैं, तो सिद्धू उन्हें पाकिस्तान द्वारा हडपा गया कश्मीर वापस देने के लिए क्यों नहीं कहते ? पाक में हो रहे हिन्दुओं और सिक्खों का नरसंहार रोकने के लिए क्यों नहीं कहते ?