तमिलनाडु के देवसहायम् पिल्लई को वेटिकन ने घोषित किया ‘संत’ ।
पिल्लई संत घोषित होनेवाले पहले भारतीय हैं। इस समय भारतीय समुदाय ने तिरंगा झंडा लहराकर आनंदाेत्सव मनाया।
पिल्लई संत घोषित होनेवाले पहले भारतीय हैं। इस समय भारतीय समुदाय ने तिरंगा झंडा लहराकर आनंदाेत्सव मनाया।
अच्छे चिकित्सालय चलाने का पैसा होते हुए भी मदर टेरेसा ने ऐसा नहीं किया ! – ब्रिटीश डॉ. जैक प्रेगर
इस देश में लाखो मंदिर गिराए गए । सहस्रों हिन्दू महिलाओं का बलात्कार हुआ । यदि हिन्दू राष्ट्र नहीं बना, तो यह होता ही रहेगा ।
अधिवक्ता जो बैंड लगाते हैं, उसे ईसाई देशों में ‘प्रिचिंग बैंड’ कहा जाता है । ईसाई धर्मगुरु धार्मिक प्रवचन देते समय यह बैंड प्रयोग करते हैं । ये बैंड ईसाई धर्म का धार्मिक चिह्न हैं । इसलिए, वह अधिवक्ताओं को परिधान करने को बताना विधिसम्मत नहीं है ।
ऐसी घटनाओं के विषय में निधर्मीवादी मुंह नहीं खोलते तथा प्रसारमाध्यम ऐसे वृत्त दबा देते हैं, यह ध्यान में रखें !
“यूक्रेन युद्ध की स्थिति में है । वहां रक्त एवं अश्रुओं की नदियां बह रही हैं । यह युद्ध ही है, जिसमें मृत्यु और विनाश हो रहा है” ; ईसाई धर्म के सर्वोच्च धर्मगुरू पोप फ्रांसिस ने कहा ।
तमिलनाडु में हिन्दू विरोधी द्रमुक सरकार के सत्ता में होने के कारण वहां कट्टर ईसाइयों की गतिविधियां बढ गई हैं । वहां हिन्दू धर्म पर हो रहे आक्रमणों को रोकने के लिए, प्रभावी हिन्दू संगठन अत्यावश्यक !
हिन्दुओं, ईसाइयों के बहलावे की बलि न चढते हुए धर्म की शिक्षा लें और किसी भी परिस्थिति में आनंदमय और समाधानी जीवन जीने के लिए साधना करें ! इसी में आपके जीवन की सार्थकता है, यह ध्यान में लें !
हिन्दू मठों एवं मंदिरों का सरकारीकरण कर उनकी अर्पण राशि छीनने वाले ; परंतु, ईसाई संस्थानों को मुक्त हाथों से दान देने वाले बीजू जनता दल सरकार से, अब हिन्दुओं को संवैधानिक मार्ग से स्पष्टीकरण की मांग करनी चाहिए !
‘प्रलोभन देकर दरिद्रों एवं आदिवासियों का धर्मांतरण करना, तदुपरांत उन्हें ठगाना, कॉन्वेंट स्कूलों में हिन्दू छात्रों को उनके धर्म के अनुसार आचरण करने से रोकना, यह भी ईश्वर का ही अपमान है’, ऐसा पोप फ्रान्सिस कब कहेंगे तथा ईसाई मिशनरियों को ऐसा करने से कब रोकेंगे ?