वेटिकन सिटी – यहां १५ मई को हुए एक समारोह में ईसाई धर्म के सर्वोच्च नेता पोप फ्रांसिस ने १८ वीं शताब्दी में धर्मांतर किए भारत के तमिलनाडु के देवसहायम् पिल्लई को संत घोषित किया । इस कार्यक्रम में देवसहायम् समेत ९ लोगों को संत घोषित किया गया । इसमें ४ महिलाएं भी शामिल हैं। पिल्लई संत घोषित होनेवाले पहले भारतीय हैं। इस समय भारतीय समुदाय ने तिरंगा झंडा लहराकर आनंदाेत्सव मनाया।
Devasahayam Pillai, who embraced Christianity in the 18th century, was declared a saint by Pope Francis at the Vatican, becoming the first Indian layman to be canonised.https://t.co/V9ERGYNqKl
— Hindustan Times (@htTweets) May 15, 2022
देवसहायम् कौन हैं ?
देवसहायम् का जन्म २३ अप्रैल १७१२ को हिन्दू नायर परिवार में हुआ था । वे कन्याकुमारी के नट्टलम के निवासी थे, जो उस समय त्रावणकोर राज्य का हिस्सा था । वे त्रावणकोर के महाराजा मरतड वर्मा के दरबार में एक अधिकारी थे। डच नौसेना कमांडर ने उन्हें कैथोलिक धर्म की दीक्षा दी थी ।