तमिलनाडु में, मंदिर के स्वामित्व वाली भूमि में शव को दफनाने के कट्टर ईसाइयों के प्रयासों को हिन्दू भक्तों ने विफल कर दिया !

तमिलनाडु में हिन्दू विरोधी द्रमुक सरकार के सत्ता में होने के कारण वहां कट्टर ईसाइयों की गतिविधियां बढ गई हैं । वहां हिन्दू धर्म पर हो रहे आक्रमणों को रोकने के लिए, प्रभावी हिन्दू संगठन अत्यावश्यक ! – संपादक

(प्रतिकात्मक छायाचित्र)

चेन्नई : हिन्दू समर्थक कार्यकर्ताओं ने तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के शंकरानकोविल में, एक मंदिर के स्वामित्व वाली भूमि पर एक ईसाई के मृत शरीर को दफनाने के कट्टर ईसाइयों के प्रयास को विफल कर दिया । जब हिन्दू संगठनों ने उनका विरोध किया, तो पादरी और अन्य ईसाइयों ने घटना का विरोध करने के लिए शव को शंकरानकोविल-तिरुनेलवेली राजमार्ग पर रख दिया । उस समय, कट्टर ईसाइयों ने जलवाहिनी की तोडफोड भी की । इस घटना का वीडियो सामाजिक माध्यमों पर बहुत वायरल हो रहा है ।

१. घटना के उपरांत, इस परिसर में तनाव की स्थिति के निर्माण होने के फलस्वरूप पुलिस मौके पर पहुंची । उस समय, पादरी और अन्य ईसाइयों ने पुलिस से पूछा, “ईसाइयों के लिए कब्रिस्तान नहीं होने के कारण, शवों को कहां दफनाया जाना चाहिए ?” (ईसाइयों के पास अपने मृतकों को दफनाने के लिए जगह नहीं है तो उन्हें मंदिर के स्वामित्व वाली भूमि में अपने मृतकों को दफनाने का अधिकार किसने दिया ? उन्होंने चर्च के स्वामित्व वाली भूमि में ऐसा क्यों नहीं किया ? – संपादक)

२. उस समय पुलिस ने शांतिपूर्वक उनसे कहा, ‘हम शवों को संबंधित भूमि में दफनाने की अनुमति नहीं दे सकते ।’ पुलिस ने कहा, “ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है, जो दर्शाता हो कि संबंधित भूमि को कब्रिस्तान के रूप में उपयोग में लाने की अनुमति है ।”

३. तथापि, कट्टर ईसाई सुनने की स्थिति में नहीं थे । पुलिस निरीक्षक ने तब पादरी को चले जाने के लिए कहा और मृतक के परिवार को बुलवाया ।

४. इस घटना ने कट्टर ईसाइयों को असंतुष्ट कर दिया एवं उन्होंने पुलिस से कहा, “आप अपने अधिकार का दुरुपयोग कर रहे हैं ।” उस समय, पुलिस निरीक्षक ने कहा, “कानून को लागू करने की दृष्टि से, आप जो कर रहे हैं, उसे रोकने का मुझे अधिकार है ।” जब पुलिस में पूछा कि “मृत ईसाइयों को पहले कहां दफनाया जाता था ?” तब कट्टर ईसाई शांत हो गए ।

५. हिन्दू मुन्नानी (हिन्दू मोर्चा) के अधिकारियों ने कहा, “वहां का चर्च अनौपचारिक है । पता चला है, कि पादरी थांगा पांडी वहां हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन करा रहा है । उसने सरकारी भूमि पर अवैध अधिकार जमा लिया और पेंटेकोस्टल चर्च से संबंधित होने का दावा करते हुए एक पट्टिका लगाई थी ।”