‘प्रलोभन देकर दरिद्रों एवं आदिवासियों का धर्मांतरण करना, तदुपरांत उन्हें ठगाना, कॉन्वेंट स्कूलों में हिन्दू छात्रों को उनके धर्म के अनुसार आचरण करने से रोकना, यह भी ईश्वर का ही अपमान है’, ऐसा पोप फ्रान्सिस कब कहेंगे तथा ईसाई मिशनरियों को ऐसा करने से कब रोकेंगे ? – संपादक
वेटिकन सिटी – ‘महिलाओं के विरुद्ध हिंसा भगवान का अपमान है । मां जीवन देती है । महिलाएं संसार को एक साथ रखती हैं । महिलाओं को किसी भी प्रकार से प्रताडित करना, प्रत्यक्ष ईश्वर का अपमान करने के समान है’, ऐसा वक्तव्य ईसाईयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने यहां ईसाई नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए किया । विगत दो वर्षों में कोरोना के कारण की गाई यातायात बंदी के समय, महिलाओं के विरुद्ध हिंसा में तेजी से वृद्धि हुई है । इससे उन्होंने उपरोक्त वक्तव्य किया है । पोप फ्रांसिस ने इसके पूर्व भी महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध हिंसा को समाप्त करने का आवाहन किया था ।
Pope Francis has pleaded for an end to violence against women. “Enough,” he said. “To hurt a woman is to insult God, who from a woman took on our humanity.”https://t.co/IkytruEJAp #Catholic #HappyNewYear
— The Tablet (@The_Tablet) January 2, 2022