विहिप ने हिन्दुओं का धर्मांतरण करने वाले मदर टेरेसा के संगठनों को पैसा देने के लिए ओडिशा सरकार का विरोध किया !

हिन्दू मठों एवं मंदिरों का सरकारीकरण कर उनकी अर्पण राशि छीनने वाले ; परंतु, ईसाई संस्थानों को मुक्त हाथों से दान देने वाले बीजू जनता दल सरकार से, अब हिन्दुओं को संवैधानिक मार्ग से स्पष्टीकरण की मांग करनी चाहिए ! – संपादक

विहिप महासचिव मिलिंद परांडे

भुवनेश्वर (ओडिशा) – ओडिशा में बीजू जनता दल सरकार ने मदर टेरेसा के ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ द्वारा संचालित १३ संगठनों को राज्य के मुख्यमंत्री सहायता कोष से ७८ लाख ७६ सहस्र रुपए देने का निर्णय किया है । इस निर्णय का विश्व हिन्दू परिषद ने विरोध किया है । विहिप ने आरोप लगाया है कि, ‘जिन संगठनों को यह धनराशि दी जाएगी, वे हिन्दुओं का धर्मांतरण कर रहे हैं ।’

भुवनेश्वर में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में विहिप महासचिव मिलिंद परांडे ने कहा है कि,

१. यह पैसा कर-दाताओं का है । किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री को, हिन्दुओं का धर्मांतरण करने वाले संगठनों को पैसा देने का कोई अधिकार नहीं है । हम इसका विरोध कर रहे हैं ।

२. स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या एक ईसाई षड्यंत्र का परिणाम था । इसकी पुष्टि अनेक स्रोतों से हुई है ; परंतु, राज्य सरकार अब तक इस प्रकरण में हिन्दुओं को न्याय दिलाने में असफल रही है । ईसाइयों के लिए करुणा एवं उनका तुष्टीकरण करना, यही इसका कारण है ।

३. राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत धर्मांतरण विरोधी कानूनों को कठोरता से लागू करने के लिए सरकार अनिच्छुक है । केवल ३ प्रतिशत ईसाइयों के लिए, राज्य के ९७ प्रतिशत हिंदुओं पर निरंतर आघात किए जा रहे हैं । टेरेसा के संगठनों को पैसा देना, यह इसका ही एक नवीन उदाहरण है ।

ओडिशा सरकार ने मंदिर के पुजारियों को निराधार कर दिया !

कोरोना महामारी के कारण, मंदिर के पुजारी दयनीय जीवन व्यतीत कर रहे हैं । उन्हें सरकार से कुछ भी अनुदान नहीं मिला है । उन्हें निराधार अवस्था में छोड दिया है । राज्य में जीर्ण-शीर्ण हुए मठों की सरकार को कुछ भी चिंता नहीं है । राज्य में बाल-संवर्धन आश्रम, अनाथालय सहित अनेक संस्थान वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं । मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कभी उनके लिए वित्तीय सहायता की घोषणा नहीं की ; परंतु, ईसाई मिशनरियों के प्रति उदारता दिखाई जा रही है । विहिप इस दोहरे मापदंड की निंदा करती है ।