२६ जन‍वरी से सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय प्रादेशिक भाषाओं में उपलब्ध हो गए !

सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय विविध भारतीय प्रादेशिक भाषाओं में देने की सेवा का आरंभ किया गया है । २६ जनवरी गणतंत्र दिवस से यह परिणाम प्रादेशिक भाषाओं में मिलना आरंभ हो गया है ।

श्री कालीमाता को सिगरेट पीते हुए दिखाने वाली चित्रपट निर्मात्री लीना मणिमेकलाई को बंदी बनाए जाने पर रोक !

श्री कालीमाता का आपत्तिजनक चित्र प्रसारित करने वाली चित्रपट निर्मीत्री लीना मणिमेकलाई को बंदी बनाए जाने पर उच्चतम न्यायालय ने रोक लगा दी है । लीना ने उनके पोस्टर में श्री कालीमाता के हाथ में समलैंगिता का झंडा लेकर सिगरेट पीते हुए दिखाया था, जिसका देशभर में विरोध हुआ था ।

कानूनी विवादों को सुलझाने के लिए ऑनलाइन स्रोतों से सावधान रहें ! – उच्चतम न्यायालय

विश्वभर का ज्ञान नि:शुल्क उपलब्ध करवानेवाले ऑनलाइन स्रोतों की उपयोगिता मान्य है; किंतु कानूनी विवादों को सुलझाने के लिए ऐसे स्रोतों का उपयोग करते समय सावधान रहे, ऐसा स्पष्ट प्रतिपादन सर्वोच्च न्यायालय ने एक अभियोग की सुनवाई करते समय किया ।

‘हिन्दू विवाह कानून’ के अनुसार अंतरधर्मीय विवाह अवैध ! – सर्वोच्च न्यायालय

‘हिन्दू विवाह कानून’ के अनुसार अंतरधर्मीय दांपत्य का विवाह रद्द सिद्ध होता है । इस कानून के अनुसार हिन्दू से केवल हिन्दू विवाह कर सकते हैं । सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसी टिप्पणी की है ।

द्वेष फैलानेवाले वृत्त निवेदकों को हटाएं ! – सर्वोच्च न्यायालय

टी.आर.पी.के लिए (‘टार्गेट रेटिंग पॉईंट’ के लिए) समाचार वाहिनियां सनसनीखेज समाचार बनाती हैं । द्वेष फैलानेवाले वृत्त निवेदकों को कार्यक्रमों से हटा देना चाहिए ।

हिन्दुओं को अल्पसंख्यकों का दर्जा दिए जाने पर राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में एकमत नहीं !

केंद्र सरकार ने न्यायालय को बताया कि, प्राप्त जानकारी में अनेक राज्यों ने ‘अल्पसंख्यकों का दर्जा किसे दें’, इसका अधिकार उनके पास रखने के लिए बताया है । उत्तराखंड राज्य ने कहा है, ‘राज्य में जनसंख्या के आधार पर धार्मिक अल्पसंख्यक घोषित किए जाने चाहिए ।’

रामसेतु को ‘राष्ट्रीय स्मारक’ घोषित करने की याचिका पर फरवरी में होगी सुनवाई !

डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए कहा, ‘अभी तक केंद्र सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में इस संदर्भ में शपथपत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है’ !

प्रत्येक प्रकरण के लिए उच्चतम न्यायालय में आने की आवश्यकता नहीं !

उत्तराखंड के जोशीमठ गांव में भूस्खलन के विषय में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी द्वारा प्रविष्ट याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से उच्चतम न्यायालय ने १० जनवरी के दिन भी मना कर दिया ।

बलपूर्वक धर्मांतरण को राजनीतिक रंग न दें !

न्यायालय को ऐसा कहना पडे, यह तामिलनाडू सरकार के लिए लज्जास्पद !

बीजेपी शासित ५ राज्यों में धर्मांतरण विरोधी कानून को ‘जमात उलेमा-ए-हिन्द’ ने दी सर्वोच्च न्यायालय में चेतावनी

‘लव जिहाद’ द्वारा होनेवाले धर्मांतरण का समर्थन कौन कर रहा है, अब इसके द्वारा यह स्पष्ट दिख रहा है, इस पर ध्यान दें !