प्रत्येक प्रकरण के लिए उच्चतम न्यायालय में आने की आवश्यकता नहीं !

जोशीमठ गांव में हुए भूस्खलन को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करने की मांग को लेकर की गई याचिका पर उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी !

नई देहली – उत्तराखंड के जोशीमठ गांव में भूस्खलन के विषय में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी द्वारा प्रविष्ट याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से उच्चतम न्यायालय ने १० जनवरी के दिन भी मना कर दिया । अब इस पर १६ जनवरी के दिन सुनवाई होगी । ९ जनवरी को भी न्यायालय ने ऐसा ही कहते हुए इसे नियमानुसार सूचीबद्ध करने को कहा था । न्यायालय ने १० जनवरी को हुई सुनवाई के समय कहा कि, प्रत्येक प्रकरण के लिए उच्चतम न्यायालय में आने की आवश्यकता नहीं । इस पर लोकतंत्र से संबंधित तंत्र काम कर रहे हैं ।

शंकराचार्य ने याचिका प्रविष्ट करते हुए इस पर तत्काल सुनवाई कर इस भूस्खलन को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करने की मांग की, साथ ही यहां चलने वाली परियोजनाएं, उत्खनन, भूसुरंग का विस्फोट आदि इसके लिए उत्तरदायी होने की बात कही ।

६७८ घर, दुकानें आदि गिराई जाएंगी !

जोशीमठ में दरार पडने वाले घरों की संख्या दिन पर दिन बढ रही है । प्रशासन उनका सर्वेक्षण कर उन्हें चिन्हित कर रहा है । अभी तक ६७८ घर, दुकान, होटल आदि, जिन्हें गिराया जाएगा, उन्हें चिन्हित किया गया है । प्रथम स्तर पर यहां के ‘मलारी इन’ और ‘माउंट विह्व’ इन दोनों होटलों को  गिराना प्रारंभ किया गया है ।