बीजेपी शासित ५ राज्यों में धर्मांतरण विरोधी कानून को ‘जमात उलेमा-ए-हिन्द’ ने दी सर्वोच्च न्यायालय में चेतावनी

नई देहली – देश के उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश तथा गुजरात राज्यों ने धर्मांतरण विरोधी कानून बनाए हैं । इसके विरुद्ध इस्लामिक संगठन ‘जमात उलेमा ए हिन्द’ ने सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका प्रविष्ट की है ।

अधिवक्ता इजाज मकबूल के माध्यम से प्रविष्ट याचिका में आरोप लगाया गया है कि धर्मांतरण विरोधी कानूनों को अंतर्धार्मिक जोडों (विवाहित जोडे)को कष्ट देने एवं अपराधी बनाने के लिए बनाए गए हैं । इन ५ राज्यों द्वारा पारित कानूनों के कारण नागरिकों का धर्म क्या है यह घोषित करने के लिए वे विवश होंगे साथ ही यह किसी भी व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर आक्रमण है ।

इन कानूनों ने अंतर्धार्मिक जोडों के परिजनों को पुलिस को रिपोर्ट करने की अनुमति दी है । इसलिए धर्मांतरितों को कष्ट देने के लिए पुलिस को एक नया हथियार हाथ लगेगा । (ऐसा कहकर लव जिहाद कैसे चालू रहे, यह प्रयास किया जा रहा है । इसके विरुद्ध अब हिन्दुओं के अधिवक्ताओं को भी ध्यान देकर देखना चाहिए कि इस याचिका का विरोध कैसे किया जा सकता है ! – संपादक)

संपादकिय भुमिका

‘लव जिहाद’ द्वारा होनेवाले धर्मांतरण का समर्थन कौन कर रहा है, अब इसके द्वारा यह स्पष्ट दिख रहा है, इस पर ध्यान दें !