देश में कोरोना-बाधित रोगियों की संख्या में बडी गिरावट !

विगत २४ घंटे में, १५ सहस्र २१ रोगी कोरोना मुक्त हुए हैं । देश में इस समय १ लाख ५३ सहस्र ७७६ रोगियों का उपचार चल रहा है ।

कश्मीरी मुसलमानों के संबंध में आपत्तिजनक वक्तव्य करने के लिए, कश्मीर में भाजपा नेता पर प्रकरण प्रविष्ट !

क्या भारत में रहकर, शत्रु राष्ट्र की विजय का आनंद मनाने वाले देशद्रोही नहीं हैं ? सरकार ने उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की है  ? जनता को यह ज्ञात होना चाहिए !

(कहते हैं) ‘मोहम्मद अली जिन्ना स्वतंत्रता की लडाई के नायक थे !’ – अखिलेश यादव, अध्यक्ष, समाजवादी पार्टी

मस्लिम मतों के लिए देश के विभाजन और उसके बाद हुई १० लाख हिन्दुओं की हत्या के लिए उत्तरदायी जिन्ना की प्रशंसा करने वाले अखिलेश यादव को सरकार द्वारा कारागृह में डालकर उनकी पार्टी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए !

हिन्दू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के लिए कानून लाया जाए ! – विहिप की केंद्र एवं सभी राज्य सरकारों से मांग

धर्मांतरण विरोधी कानून की भी मांग !

भारत-नेपाल सीमा पर, मस्जिदों और मदरसों की संख्या में पिछले दो दशकों में चार गुना वृद्धि हुई !

मदरसों और मस्जिदों की संख्या चौगुनी होने तक क्या पुलिस, सुरक्षा और प्रशासन सो रहे थे ? उनके विरुद्ध अभी भी कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है ?

पुरोहितों ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत को दर्शन करने से रोका !

इससे यह स्पष्ट होता है, कि तीर्थ क्षेत्रों के सरकारीकरण के विरोध में हिन्दुओं की भावनाएं कितनी प्रखर हैं ! क्या केंद्र और सभी राज्य सरकारें अब मंदिरों का व्यवस्थापन भक्तों को सौंपेगी ?

केरल के कोचीन देवस्वम मंडल द्वारा संचालित एक महाविद्यालय में, माकप के छात्र संगठन ‘स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया’ द्वारा अश्लील फलकों (होर्डिंग) की प्रदर्शनी !

मंदिरों के सरकारीकरण के पश्चात, मंदिर प्रबंधन मंडलों द्वारा चलाए जा रहे महाविद्यालयों पर भी उसका ऐसा परिणाम दिखाई दे रहा है ; यह ध्यान में लेते हुए सरकारीकरण का विरोध करें ।

अयोध्या में साधु का वेश परिधान कर भीख मांगने वाले दो मुसलमानों को बंदी बनाया गया !

क्या हिन्दू कभी फकीर का वेश धारण कर भीख मांगते हैं ? ऐसी स्थिति में, धर्मांधों द्वारा ऐसा क्यों किया जा रहा है ? ‘हिन्दुओं से भीख लेने के लिए अथवा उनकी हत्या के लिए ?’, यह उजागर होना चाहिए !

देश में, आत्महत्याओं में १० % की वृद्धि !

स्मरण रहे, कि जीवन के उद्देश्य के संबंध में लोगों को शिक्षित न करने और समाज को सुखी जीवन जीने के लिए अनुकूल परिस्थिति निर्माण न करने के कारण होने वाली इन आत्महत्याओं के लिए, अब तक के सभी शासक उत्तरदायी हैं !