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किलों और दुर्गां के संरक्षण की सरकार की घोषणा ; किन्तु, कट्टरपंथियों द्वारा हस्तगत किए गए किलों का क्या ? – संपादक
मुंबई – मुंबई का ‘सबसे पुराना किला’ कहलाने वाला माहिम किला संकट में है । किले का स्वामित्व राज्य पुरातत्व विभाग के नाम पर ही है, किन्तु वास्तव में, कट्टरपंथियों ने घुसपैठ कर पूरे किले पर अधिकार जमा लिया है । एक तरफ, सरकार ने किलों और दुर्गों के संरक्षण की घोषणा की है, परंतु दूसरी ओर, माहिम के किले पर कट्टरपंथियों ने अधिकार जमा लिया है । इसी प्रकार, राज्य के कई किलों पर कट्टरपंथियों ने अधिग्रहीत कर रखा है । इन प्रकरणों पर मात्र सरकार और पुरातत्व विभाग ने चुप्पी साध रखी है ।
प्राचीन काल में, राजा प्रताप बिंब ने मुंबई के समुद्र तट पर अपना साम्राज्य स्थापित किया था । उस समय उन्होंने महिकावती (अब माहिम) को अपनी राजधानी के रूप में चुना था । महिकावती देवी के नाम पर इस क्षेत्र का नाम ‘माहिम’ रखा गया है । माहिम के किले का इतिहास १४वीं शताब्दी के कालखंड का है, जब राजा प्रताप बिंब के शासनकाल में इसका निर्माण किया गया था । किले को “राज्य संरक्षित स्मारक” घोषित किया गया है । वर्तमान में, किले का ऐतिहासिक स्वरूप नष्ट हो गया है और यहां बडी संख्या में कट्टरपंथियों के घर हैं ।