(…अब इनकी सुनिए) ‘कैनडा में इंदिरा गांधी की हत्या का नाटक प्रदर्शित करना अपराध नहीं !’ – कैनडा के ब्रैम्पटन शहर के महापौर

कैनडा अर्थात खालिस्तान का घर । वहां केवल सरकार ही नहीं, अपितु अनेक राजनेता खालिस्तानियों का समर्थन करते हैं । वहां खालिस्तानवाद समाप्त करने के लिए भारत को कैनडा पर दबाव डालने के लिए कठोर कदम उठाने की आश्यकता है !

अमेरिका में प्रथमत: ‘हिन्दू अमेरिकी शिखर सम्मेलन’ का आयोजन

अमेरिका के अनेक भारतीय ‍वंश के सांसद सम्मिलित होंगे

बनावटी (नकली) दस्तावेज के कारण कैनडा के ७०० भारतीय विद्यार्थियों को देश छोडने की सूचना !

ऐसी परिस्थिति में पंजाब के अनिवासी भारतीय प्रकरणों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को इसमें हस्तक्षेप करने की विनती की है ।

(अब इनकी सुनिये…) ‘मुस्लिम लीग संपूर्णतया धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दल !’

जिस राजनीतिक दल ने भारत का विभाजन किया, उस दल को राहुल गांधी किस आधार पर धर्मनिरपेक्ष प्रमाणित कर रहे हैं ?, यह उन्हें स्पष्ट करना चाहिए ! मुस्लिम लीग यदि धर्मनिरपेक्ष दल हो, तो धर्मांध दल कौनसा है ?, इसकी अब खोज करनी पडेगी !

अमेरिका लाखों भारतीय वंश का युवाओं को देश से निकाल सकता है !

अमेरिका में ढाई लाख ‘डॉक्युमेंटेड ड्रीमर्स’का भविष्य संकट में पड गया है । उन्हें अमेरिका से निकाल दिया जा सकता है । इन ‘डॉक्युमेंटेड ड्रीमर्स’में अधिकांश बच्चे भारतीय वंश के हैं ।

हिन्दू रोगियों की श्रद्धा समझ पाने हेतु अमेरिका में डॉक्टरों को करना पडेगा ‘क्रैश कोर्स’ !

अमेरिका के इतिहास में पहली बार ही हिन्दू रोगी चिकित्सालय के पलंग पर प्रार्थना कर पाएंगे । अपने इष्ट देवता की मूर्ति रख पाएंगे । अमेरिका में पहली बार ही ऐसी अनुमति दी गई है ।

छोटी आयु से स्मार्टफोन का प्रयोग करने से मानसिक रोगों का प्रमाण अधिक ! – शोध

यद्यपि इस शोध में भारत से केवल ४ सहस्त्र बच्चे सम्मिलित हैं, तब भी यह प्रमाण चिंता का विषय है । भारत में १० से १४ आयु के पूरे ८३ प्रतिशत बच्चों के हाथ में स्मार्टफोन है । अंतरराष्ट्रीय प्रमाण की अपेक्षा यह संख्या ७६ प्रतिशत से अधिक है ।

अमेरिका ने २६/११ आक्रमण के आरोपी तहव्वूर राणा को भारत को सौंपने की दी स्वीकृति !

मुबंई में २६ नवंबर २००८ (२६/११) में हुए आतंकी आक्रमण में सहयोगी पाकिस्तानी वंश का कैनेडियन व्यावसायी तहव्वूर राणा को भारत को सौंपने की अमेरिका के न्यायालय ने स्वीकृति दे दी है ।

अमेरिका ने अपने १ हजार ४१९ परमाणु अस्त्र तैनात होने की बात सार्वजनिक की !

रूस से उसके परमाणु अस्त्रों की तैनाती से संबंधित जानकारी सार्वजनिक करने की अमेरिका की मांग !

भारत की सरकारी संस्थाओं पर धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने का आरोप

अमेरिका के आंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने अपना वार्षिक ब्योरा प्रस्तुत किया है । इसके अंतर्गत उसने अमेरिका के परराष्ट्र विभाग को धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर भारत को ‘विशेष चिंताजनक देश’ के रूप में घोषित करने के लिए कहा है ।