बनावटी (नकली) दस्तावेज के कारण कैनडा के ७०० भारतीय विद्यार्थियों को देश छोडने की सूचना !

विद्यार्थियों द्वारा कैनडा में प्रदर्शन !

ओटावा (कैनडा) – कैनडा के ७०० भारतीय विद्यार्थियों को देश छोडने की सूचना दी गई है !  कैनडा की सी.बी.एस.ए. संस्था ने यह सूचना दी है । उसका कहना है कि इन विद्यार्थियों ने बनावटी(नकली) प्रवेश पत्र तैयार किए हैं । इसके द्वारा उन्होंने विविध विश्वविद्यालयों में प्रवेश लिया । सूचना देने पर अब ये विद्यार्थी कैनडा में प्रदर्शन कर रहे हैं । इनमें अधिकांश विद्यार्थी पंजाब राज्य के हैं । ऐसी परिस्थिति में पंजाब के अनिवासी भारतीय प्रकरणों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को इसमें हस्तक्षेप करने की विनती की है ।

१. इन विद्यार्थियों ने आरोप लगाया है कि जिस एजेंट के माध्यम से वे कैनडाआए, उन्होंने उनके साथ छल किया है । ये एजेंट पूर्व में पैसे लेते हैं तथा पश्चात विद्यार्थियों को बनावटी(नकली) कागद पत्र देते हैं । तत्पश्चात विश्वविद्यालयों में स्थान भरने का बहाना कर अन्य विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को प्रवेश प्राप्त करवा दिया जाता है । उपाधि पूर्ण करने पर जब अनेक विद्यार्थी नागरिकता के लिए प्रार्थना पत्र देते हैं, तब ध्यान में आता है कि उनके कागद पत्र में त्रुटियां हैं ।

२. कैनडा की संसद में न्यू डेमोक्रैटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह ने इस संदर्भ में प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रुडो से उत्तर मांगा है । प्रधान मंत्री ट्रूडो ने संसद में कहा कि हमें अपराधियों की पहचान कर उन्हें दंडित करना है । किसी भी पीडित पर कार्यवाही नहीं की जाएगी । हम उसे उसका पक्ष रखने तथा उससे संबंधित प्रमाण प्रस्तुत करने का पूरा अवसर देंगे ।

कैनडा में विदेशी विद्यार्थियों में ४० प्रतिशत भारतीय विद्यार्थी

‘कैनेडियन ब्युरो फॉर इंटरनैशनल एज्युकेशन’ की जानकारी के अनुसार गत वर्ष कैनडा में ८ लाख ७ सहस्र ७५० विदेशी विद्यार्थी थे । ५ वर्ष पूर्व की तुलना में ये ४३ प्रतिशत अधिक हैं । इनमें ४० प्रतिशत भारतीय हैं, तदुपरांत १२ प्रतिशत चीनी विद्यार्थी हैं । इनमें आधे से अधिक विदेशी विद्यार्थी ओंटारियो में पढते हैं ।