उडीसा के शिवमंदिर में गांजा अर्पण करना एवं उसका प्रसाद वितरित करने पर प्रतिबंध ! – उडीसा सरकार का निर्णय
हिन्दुओं के मंदिरों में क्या हो अथवा क्या न हो, इसके संदर्भ में निर्णय लेने का अधिकार सरकारों को नहीं, अपितु धर्माचार्यों को होना चाहिए !
हिन्दुओं के मंदिरों में क्या हो अथवा क्या न हो, इसके संदर्भ में निर्णय लेने का अधिकार सरकारों को नहीं, अपितु धर्माचार्यों को होना चाहिए !
चोरी करने के उपरांत चोर को अनेक अडचनें आईं !
मंदिर सरकार के नियंत्रण में देना, अर्थात गाय को कसाई के हाथों सौंपना ! हिन्दू यह बात कब समझेंगे ? पूरे देश के मंदिरों को सरकारीकरण से मुक्त करने के लिए हिन्दुओं को वैध मार्ग से प्रभावी लडाई लडनी होगी !
पुलिस का कहना है कि कुछ लोगों ने उनके घर में लाठी-काठी तथा पत्थर पूर्व में ही इकट्ठा कर रखे थे । यह आक्रमण धार्मिक नहीं था । इस आक्रमण में चंद्र मिर्जा की मृत्यु हो गई है ।
यह धर्मांधों द्वारा हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का घृणित प्रयास है, यह समझ लें !
जगन्नाथ मंदिर के गर्भ गृह में चूहों के बढ़ने से उन्हें भगाने के लिए ‘अर्थ इनोवेशन’ यंत्र लगाया गया था; लेकिन, इस यंत्र की आवाज के कारण जगन्नाथ भगवान की नींद में विघ्न पडने की शिकायत पुजारियों द्वारा किए जाने पर मंदिर प्रबंधन ने यह यंत्र हटा दिया है ।
पारादीप समुद्री किनारे पर मछली पकडनेवाली नौका पर एक कबूतर को पकडा । मछली पकडनेवालों ने कबूतर को पकडकर पुलिस को सौंप दिया । इस कबूतर के पंख पर कुछ लिखा हुआ है; लेकिन वह समझ में नहीं आ रहा है ।
आई.आर.एस. (भारतीय राजस्व सेवा) अधिकारी रेश्मा लखानी ने यहां के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में बलपूर्वक प्रवेश किया ।
ईसाई धर्म की स्थापना २ सहस्त्र वर्षों पूर्व हुई थी, जबकि इस्लाम की स्थापना १ सहस्त्र ४०० वर्ष पूर्व हुई थी । क्योंकि सनातन धर्म पृथ्वी की उत्पत्ति से अर्थात लाखों वर्षों से अस्तित्व में है, इसी के आधार पर पू. शंकराचार्य ने ऐसा कहा होगा !
राज्य के जाजपुर जनपद में स्थित कोरेई रेल्वे स्टेशन पर लगभग सुबह 6:45 बजे एक मालगाडी पटरी पर से फिसल गई एवं स्टेशन के प्रतीक्षालय में (‘वेटिंग रूम’) घुस गई।