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(वस्त्रसंहिता का अर्थ है मंदिर में प्रवेश करते समय आवश्यक वेशभूषा के संबंधित नियम)
भुवनेश्वर (ओडिशा) – पिछले कुछ महिनों में महाराष्ट्र राज्य के सैकडों मंदिर समितियों ने मंदिर में प्रवेश करने हेतु वस्त्रसंहिता अनिवार्य करने का निर्णय लिया था । अब इसी प्रकार का निर्णय महाराष्ट्र से १ सहस्र किलोमीटर दूरी पर स्थित ओडिशा के विश्वविख्यात जगन्नाथ पुरी मंदिर ने भी लिया है । १ जनवरी से इस निर्णय का क्रियान्वयन आरंभ किया गया । इसके साथ ही मंदिर म परिसर में पान एवं गुटखा सेवन करने पर तथा प्लास्टिक के वस्तुओं का उपयोग करने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है । नए वर्ष के पहले दिन भगवान जगन्नाथ के दर्शन हेतु २.५ लाख से अधिक श्रद्धालुओं की भीड उमडी थी ।
मंदिर प्रशासन के अधिकारी ने बताया कि इसके आगे मंदिर में ‘हाफ पैंट‘, ‘शॉर्ट्स’, फटी हुई (रिप्ड) जींस, ‘स्कर्ट’ तथा ‘स्लीवलेस’ वस्त्र पहने श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश नहीं होगा । मंदिर प्रशासन ने इस विषय में ९ अक्टूबर २०२३ को ही एक आदेश जारी किया था । उसमें इस निर्णय का क्रियान्वयन १ जनवरी २०२४ से किया जाएगा, ऐसा उल्लेखित किया गया था ।
Puri Jagannath Temple makes #dresscode mandatory for devotees!
People wearing ‘shorts’, ripped jeans and ‘sleeveless’ will not be allowed !
A Ban has been imposed on eating Betel leaves and Gutkha in the temple premises !
The decision to implement a ban is to maintain the… pic.twitter.com/35OjVqgthZ
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 2, 2024
मंदिर की पवित्रता बनाए रखने हेतु प्रतिबंध का निर्णय ! – मंदिर प्रशासन
वस्त्रसंहिता का नियम लागू होने से १ जनवरी को मंदिर में आनेवाले पुरुष भक्त धोती एवं तौलिए, जबकि महिलाएं साडियों अथवा सलवार-कुर्ता पहने दिखाई दिए । अधिकारी ने बताया कि मंदिर की पवित्रता बनाए रखने हेतु मंदिर परिसर में गुटखा एवं पान का सेवन करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है । इस नियम को तोडनेवालों को आर्थिक दंड सुनाया जा रहा है । मंदिर के सिंहद्वार पर नियुक्त सुरक्षा बल तथा मंदिर के सेवक इस पर ध्यान रख रहे हैं ।
असम के कामाख्या मंदिर, साथ ही राजस्थान के सांवलिया सेठ मंदिर में ‘वस्त्रसंहिता’ लागू करने पर विचार किया जाएगा !
इस संदर्भ में ‘सनातन प्रभात’ के प्रतिनिधि ने असम के सुप्रसिद्ध कामाख्या मंदिर के मुख्य पुजारियों से जब संपर्क किया, उस समय उन्होंने इस निर्णय का स्वागत कर इस पर विचार करने का आश्वासन दिया । इसके साथ ही राजस्थान के श्रीकृष्ण के प्रसिद्ध सांवलिया सेठ मंदिर के व्यवस्थापक से संपर्क करने पर उन्होंने भी इस पर विचार करने की बात कही ।
संपूर्ण भारत के बडे मंदिर जगन्नाथ पुरी मंदिर का ‘आदर्श’ लें ! – महाराष्ट्र मंदिर महासंघजगन्नाथ पुरी मंदिर के वस्त्रसंहिता लागू करने के निर्णय का महाराष्ट्र मंदिर महासंघ ने स्वागत किया है । महासंघ के समन्वयक श्री. सुनील घनवट ने ‘सनातन प्रभात’ के प्रतिनिधि से बातचीत करते हुए कहा कि जगन्नाथ पुरी मंदिर प्रशासन का यह निर्णय स्वागतयोग्य है । अब संपूर्ण भारत के सभी बडे मंदिरों को जगन्नाथ पुरी मंदिर का ‘आदर्श’ लेना चाहिए । महाराष्ट्र मंदिर महासंघ मंदिरों का संवर्धन तथा मंदिर संस्कृति का पुनरूज्जीवन करने का कार्य निरंतर करता रहेगा । |
संपादकीय भूमिकाइस स्वागतयोग्य निर्णय के लिए जगन्नाथ पुरी मंदिर व्यवस्थापन का अभिनंदन ! ऐसे नियम अब संपूर्ण भारत के अन्य मंदिरों को भी बनाने चाहिएं ! |