‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’में बदलाव के कारण हुआ ओडिशा में रेल्वे अपघात !

रेल्वेमंत्री अश्विनी वैष्णव की जानकारी !

(‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’ अर्थात रेल्वेगाडी के एक पटरी से दूसरी पटरी पर जाने के लिए पटरियों में ‘इलेक्ट्रॉनिक’ पद्धति से किया जानेवाला बदलाव)

भुवनेश्वर (ओडिशा) – ओडिशा के बालासोर में २ जून को हुए रेल्वे अपघात का कारण सामने आया है । रेल्वेमंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘ए.एन्.आय.’समाचार संस्था को बताया कि इस दुर्घटना की छानबीन पूर्ण हो गई है और अपघात का कारण स्पष्ट हो गया है । इस दुर्घटना के लिए उत्तरदायी कौन हैं ?, यह भी स्पष्ट हो गया है । यह दुर्घटना ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’में बदलाव के कारण हुई ।

१. रेल्वेमंत्री अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा कि ४ जून को संध्याकाल तक रेलवे पूर्ववत हो जाएगी । सभी अपघातग्रस्त डब्बों से मृतदेह बाहर निकाली गई हैं । इस मार्ग पर रेल्वे गाडियों के टक्करविरोधी कवच यंत्रणा अस्तित्व में नहीं; परंतु इस अपघात का उससे कोई भी संबंध नहीं ।

२. ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’में बदलाव के कारण कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी पर मोड दी गई जिस पर पहले से ही मालगाडी खडी थी । उसके लिए हरा सिग्नल भी मिला था । इसीलिए यह गाडी मालगाडी से जाकर टकरा गई और अपघात हुआ । रेल्वेगाडी का चालक संपूर्णरूप से इस ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’द्वारा गाडी पटरियों पर आगे ले जाता है । जैसे-जैसे पटरियां बदलती जाती हैं, वैसे-वैसे इस पटरी से उस पटरी पर गाडी जाती रहती है । इस ‘इंटरलॉकिंग’में बदलाव होने से एक ही पटरी पर दो गाडियां आ गईं और यह अपघात हुआ ।