भागलपुर (बिहार) में मुसलमान के घर में शस्त्र बनाने का कारखाना !
‘भारत में मुसलमान असुरक्षित हैं, तो उनके घर में शस्त्र बनाने का कारखाना कैसे ?’, ऐसा प्रश्न धर्मनिरपेक्षतावादियों के मन में क्यों नहीं आता ?
‘भारत में मुसलमान असुरक्षित हैं, तो उनके घर में शस्त्र बनाने का कारखाना कैसे ?’, ऐसा प्रश्न धर्मनिरपेक्षतावादियों के मन में क्यों नहीं आता ?
सोशल मीडिया द्वारा यहां का एक वीडियो वायरल हुआ है । इसमें कुछ मुस्लिम युवक बैडमिंटन मैच जीतने के उपरांत ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ की घोषणा करते हुए देखे गए । उस समय पुलिस ने घोषणा कर रहे ५ मुस्लिम युवकों को तत्काल नियंत्रण में लिया ।
यदि सिद्दीकी को वास्तव में ऐसा ही लग रहा है, तो उन्हें स्वयं सहित सभी धर्म बंधुओं को विदेश में जाने के लिए कहना चाहिए ! कितने देश आपको रहने के लिए शरण देंगे, यह भी आपको समझ में आएगा !
अन्य धर्मियों के प्रार्थना स्थलों का सम्मान करने वाले होने से हिन्दू कभी भी इस प्रकार के विकृत कृत्य नहीं करते; किंतु तब भी हिन्दुओं को ही सर्वधर्म समभाव, धर्मनिरपेक्षता एवं पुरोगामी (प्रगतिशील) होने की घुट्टी पिलाई जाती है; किंतु धर्मांध कितने भी अनुचित कृत्य करें, उनका महिमा मंडन ही किया जाता है !
बार-बार ऐसी गंभीर घटनाएं घटित होते हुए भी उन्हें नहीं रोक पाना सरकारी तंत्रों के लिए लज्जाजनक ! इससे पूर्व अनेक बार ऐसी घटनाएं होने पर भी लिप्त पाए गए अपराधी को कठोर से कठोर दंड देने की बात नहीं सुनने में आई है । इसीलिए देशद्रोहियों को सरलता से ऐसे अवसर मिल रहे हैं !
पुन:एक बार पुन: यह सिद्ध हुआ कि जनता दल (संयुक्त) तथा राष्ट्रीय जनता दल के राज्य में केवल नाम के लिए मदिरा-दारूबंदी है !
बिहार में मुसलमानों का तुष्टीकरण करनेवाले जनता दल (संयुक्त, जे.डी.यु.) एवं राष्ट्रीय जनता दल (आर.जे.डी) की सरकार होने से इस प्रकार के भूमि जिहादियों पर कोई कार्रवाई होने की संभावना बहुत अल्प है !
भागलपुर में जिहादी महंमद शकील द्वारा एक हिन्दू महिला के हाथ-पैर, कान और स्तन काटकर नृशंस हत्या करने की घटना सामने आयी है। मृत महिला का नाम नीलम यादव है।
खान सर ने जो बताने का प्रयास किया है, उस विषय में कांग्रेस कभी नहीं बात करेगी; परंतु हिन्दुओं को ‘भगवा आतंकवादी’ कहने में भी पीछे नहीं रहेगी !
भारत में रहने वाले सभी नागरिक अनिवार्य रूप से हिंदू हैं । भारत में रहने से भी वे हिंदू हैं । आज उनकी (अहिंदुओं) पहचान जो भी है, उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि यह भारत की स्वीकृति की संस्कृति के कारण है ।