बिहार में पुरातत्व विभाग द्वारा नियंत्रित ऐहितासिक बौद्ध गुफा का मजार में रूपांतरण !

(मजार अर्थात इस्लामी पीर अथवा फकीर की कब्र)

पाटलीपुत्र – राज्य की ऐतिहासिक बौद्ध गुफा पर भारतीय पुरातत्व विभाग का नियंत्रण है; परंतु यह गुफा भूमि जिहादियों ने हडप ली है एवं उसका उपयोग ‘मजार’ के रूप में हो रहा है । यह गुफा अब धर्मांध मुसलमानों के नियंत्रण में है तथा अंदर नमाजपठन हो रहा है । सम्राट अशोक द्वारा लिखे एक शिलालेख में उल्लेख मिलता है कि ज्ञानप्राप्ति के पश्चात गौतम बुद्ध एक रात इस गुफा में निवास किए थे, इसलिए इस गुफा का ऐतिहासिक महत्त्व है ।

१. वर्ष १९१७ में भारतीय पुरातत्व विभाग ने यह गुफा ‘राष्ट्रीय स्मारक’ के रूप में घोषित की थी । वर्ष २००५ में मुसलमानों ने इस ऐतिहासिक गुफा पर अतिक्रमण किया तथा प्रवेशद्वार बनाकर अन्यों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया । ‘यह सूफी संत की मजार है’, ऐसा कहकर मुसलमानों ने उसका रूपांतरण प्रार्थनास्थल में किया ।

२. मुसलमानों ने गुफा का ऐतिहासिक महत्त्व विशद करनेवाला सम्राट अशोक का शिलालेख चूना लगाकर मिटा दिया तथा शिलालेख तोडने का प्रयास किया । गुफा में बौद्ध धर्म का कोई भी चिन्ह शेष न रहे, इसलिए उन्होंने शिलालेख को हरे कपडे में लपेट दिया । मुसलमानों ने वहां प्रतिवर्ष उरस (एक मुसलमान धर्मगुरु की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित उत्सव) आयोजित करना आरंभ किया है तथा उन्होंने गुफा के निकट ही अतिक्रमण कर दरगाह का निर्माण किया है ।

३. वर्ष २००८ में इस अतिक्रमण को भारतीय पुरातत्व विभाग के संज्ञान में लाया गया है । वर्ष २००८ से वर्ष २०१८ तक भारतीय पुरातत्व विभाग ने रोहतास जिला प्रशासन को २० पत्र लिखकर अतिक्रमण हटाने की विनती की थी; परंतु जिला प्रशासन ने उसे दुर्लक्ष्य किया । (ऐसा प्रशासन भारत का है, अथवा पाकिस्तान का ? – संपादक)

४. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने उस वास्तु के महत्त्व एवं बौद्ध धार्मिक प्रकृति को समझाते हुए एक फलक लगाया तथा उल्लेख किया कि यह एक संरक्षित स्मारक है, किंतु भूमि जिहाद ने उस फलक को हटा दिया एवं एक ‘सूफी संत गुफा में निवास करते थे, वहीं उन्होंने प्राणत्याग किए तथा उनको वहीं दफन किया गया है,’ ऐसी भ्रामक एवं मनगढंत कहानी फैलाने लगे ।

५. स्थानीय प्रशासन ने भूमि जिहादियों के समक्ष घुटने टेक दिए हैं । जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने कहा है कि इस ऐतिहासिक गुफा के प्रवेशद्वार की एक चाबी भारतीय पुरातत्व विभाग के पास रहेगी, जबकि दूसरी चाबी मुसलमानों के पास रहेगी । भारतीय पुरातत्व विभाग शिलालेख की देखभाल करेगा, तो मुसलमान गुफा में निर्माण की गई मस्जिद में प्रार्थना करेंगे ।

संपादकीय भूमिका

  • बौद्ध गुफा का मजार में रूपांतरण होने तक क्या पुरातत्व विभाग सो रहा था ? पुरातत्व विभाग ने भारत के हिन्दुओं के कितने धार्मिक एवं ऐतिहासिक वास्तुओं की रक्षा की ?’, यह एक शोध का विषय है । यह विभाग विसर्जित कर इस विभाग में इतिहासप्रेमी एवं कर्तव्यनिष्ठ लोगों की नियुक्ति होना आवश्यक है !
  • बिहार में मुसलमानों का तुष्टीकरण करनेवाले जनता दल (संयुक्त, जे.डी.यु.) एवं राष्ट्रीय जनता दल (आर.जे.डी) की सरकार होने से इस प्रकार के भूमि जिहादियों पर कोई कार्रवाई होने की संभावना बहुत अल्प है !