समान नागरिक कानून आवश्यक है तथा संविधान के अनुच्छेद ४४ के अंतर्गत अपेक्षित कार्यवाही आवश्यक ! – इलाहाबाद उच्च न्यायालय

इसके पूर्व, सर्वोच्च न्यायालय ने अनेक बार तथा विविध उच्च न्यायालयों ने सरकार को विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए, देश में समान नागरिक कानून लागू करने का परामर्श दिया है ; परंतु, यह लज्जाजनक बात है, कि अब तक एक भी दल की सरकार ने समान नागरिक कानून बनाने का प्रयास नहीं किया है ।

यौन भावना से किया गया किसी भी प्रकार का स्पर्श यौन शोषण ही है ! – सर्वाेच्च न्यायालय

सर्वाेच्च न्यायालय ने कहा है कि स्पर्श कपडों के उपर से है अथवा स्कीन टू स्कीन (शरीर का शरीर से सीधा स्पर्श होना) इस पर ही हम मंथन करते बैठे, तो उससे पॉक्सो कानून का मूल उद्देश्य ही बाजू में हो जाएगा ।

ग्रीस में ‘हलाल’ पद्धति से पशुवध करने पर प्रतिबंध ! – ग्रीस के सर्वाेच्च न्यायालय का निर्णय

ग्रीस का न्यायालय यदि इस प्रकार का निर्णय दे सकता है, तो भारत सरकार को भी ऐसा निर्णय लेना चाहिए ! साथ ही ‘हलाल’ प्रमाणपत्रों पर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए ! – संपादक

‘स्टैलिन’ सरकार की थोथी बातें एवं हिन्दुओं के कर्तव्य !

मद्रास उच्च न्यायालय ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि ‘मंदिर का स्वर्ण पिघलाने संबंधी निर्णय लेने का अधिकार केवल विश्वस्तों को है ।’ इस पर राज्य सरकार ने न्यायालय को लिखित आश्वासन दिया है कि ‘विश्वस्त की नियुक्ति की जाएगी ।’

महाराष्ट्र राज्य के गृहनिर्माण मंत्री की गिरफ्तारी एवं मुक्ति और इस प्रक्रिया की गोपनीयता !

१५ अक्टूबर को सभी समाचारपत्रों और जालस्थलों पर ऐसा समाचार था कि ‘महाराष्ट्र राज्य के गृहनिर्माणमंत्री तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता जितेंद्र आव्हाड को सवा वर्ष पूर्व ठाणे के अभियंता अनंत करमुसे से की गई मारपीट के प्रकरण में गिरफ्तार किया गया ।

सीमा पर वर्ष १९६२ समान युद्ध स्थिति नहीं होने देंगे ! – उच्चतम न्यायालय में केंद्र सरकार का प्रतिपादन

सीमा पर वर्ष १९६२ समान युद्ध स्थिति नहीं होने देंगे, ऐसा केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में बताया । चीन सीमा पर भारतीय सेना के लिए चालू मूलभूत सुविधाओं के निर्माण के विरोध में पर्यावरण के प्रश्न पर प्रविष्ट की गई याचिका पर सरकार ने न्यायालय में स्वयं की स्थिति को रखते हुए उपर्युक्त सूत्र रखे ।

ग्रीस में हलाल पद्धति से पशुवध करने पर प्रतिबंध ! – सर्वाेच्च न्यायालय का निर्णय

ग्रीस का न्यायालय यदि इस प्रकार का निर्णय दे सकता है, तो भारत सरकार को भी ऐसा निर्णय लेना चाहिए ! साथ ही हलाल प्रमाणीकरण पर भी प्रतिबंध लगा देना चाहिए !

कोलकाता उच्च न्यायालय में प्रलंबित है देश का सबसे पुराना, अर्थात २२१ वर्ष पहले का न्यायालयीन मुकदमा !

सरकारी सर्वेक्षण के अनुसार सभी मुकदमों का निर्णय आने में लगेंगे ३२४ वर्ष !

आतंकी हाफिज सईद सहित ६ व्यक्ति लाहौर उच्च न्यायालय द्वारा निर्दोष मुक्त !

क्या पाकिस्तान में कभी जिहादी आतंकियों को दंड मिल सकता है ?