६३ वर्षीय थॉमस सैमुअल ने लडकी को गोद लेकर किया उसका बलात्कार : न्यायालय ने सुनाया १०९ वर्ष का दंड

आरोपी थॉमस सैमुअल ने जिस लडकी का बलात्कार किया, उसे कुछ वर्ष पूर्व उसने गोद लिया था ।

राजधानी के अतिक्रमण न किए हुए वन क्षेत्र को ‘संरक्षित वन’ घोषित करें ! – देहली उच्च न्यायालय

देहलीवासियों को भगवान की दया पर छोड दिया गया है, ऐसा कह डालें ! – न्यायालय

ChhathPooja : बंदी के विरोध में याचिका पर सुनवाई करने से देहली उच्च न्यायालय की मनाही !

छठ पूजा के कारण नहीं, अपितु कारखानों के रासायनिक पदार्थ एवंअन्य प्रदूषणकारी कचरा नदी में छोडे जाने से यमुना नदी की स्थिति अत्यंत बुरी हो गई है । इन वास्तविक कारणों पर उपाय निकालने के स्थान पर पूजा पर प्रतिबंध लगानेवाली देहली के आम आदमी पक्ष की सरकार जनताद्रोही और हिन्दूद्रोही है !

किसी को भी किसी भी विचारधारा को नष्ट करने का अधिकार नहीं है! – मद्रास उच्च न्यायालय

जनसामान्य का विचार है कि माननीय न्यायालय को मात्र फटकार लगाकर, निंद्य कृति करने वालों इस प्रकार छोडना नहीं चाहिए, बल्कि संबंधित पुलिस के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने और आरोपियों को बंदी बनाने का आदेश भी देना चाहिए !

ShriRamCharitManas Allahabad High Court : श्रीरामचरितमानस उचित संदर्भ के साथ पढा जाना चाहिए ! – इलाहाबाद उच्च न्यायालय

मौर्य लगातार हिन्दू धर्म की अवमानना कर रहे हैं । इसलिए हिन्दुओं को लगता है कि उन्हें केवल चेतावनी देने से काम नहीं चलेगा; न्यायालय को उन्हें दंडित भी करना चाहिए !

केरल उच्च न्यायालय द्वारा पटाखों पर बंदी के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय में जाएगी केरल सरकार !

केरल उच्च न्यायालय द्वारा पटाखों पर लगाए प्रतिबंध के विरोध में राज्य के मंदिरों का व्यवस्थापन देखनेवाले सरकारी देवस्वम् बोर्ड एवं न्यास आगे अपील करने का विचार कर रहा है ।

पुलिस आयुक्त और जिलाधीश अपने आप को भगवान मानते हैं !

जनता की अपेक्षा है कि न्यायालय, जनविरोधी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के विरुद्ध नि:संकोच कठोरतम कार्रवाई करें!

फेरी के मार्ग पर मस्जिद और चर्च होने के कारण रा.स्व. संघ को अनुमति न देना धर्मनिरपेक्षता के विरुद्ध !

हिन्दूद्वेष और हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को दबाना अर्थात धर्मनिरपेक्षता’ ऐसी व्याख्या देश में तथाकथित निधर्मीवादी और आधुनिकतावादियों की है । इस पर ही न्यायालय का बोलना सोनार द्वारा कान छेदने समान है ! ऐसा होने पर भी ऐसे गेंडे की खाल वाले लोगों में बदलाव होने की संभावना नहीं, यह भी उतना ही सत्य है !

माता-पिता की सेवा केवल नैतिक नहीं, वैधानिक कर्तव्य भी है ! – अलाहाबाद उच्च न्यायालय

भारत देश श्रवण कुमार की भूमि है । यहां वृद्धों की देखभाल करना, भारतीय संस्कृति का अंग है । यह केवल नैतिक नहीं, अपितु वैधानिक रूप से अनिवार्य है और कर्तव्य भी है ।