Oath In Sanskrit : राजस्थान विधानसभा में २ मुसलमानों सहित १६ नए विधायकों ने ली संस्कृत भाषा में शपथ !

विशेषता यह रही कि, कांग्रेस के विधायक जुबैर खान और निर्दलीय विधायक यूनुस खान इसमें शामिल हैं ।

जैसे-जैसे हम आधुनिक होते जा रहे हैं, हम बच्चों को फ्रेंच, इतालवी सिखाना चाहते हैं; लेकिन भगवान की भाषा संस्कृत नहीं सिखाते हैं ! 

कितनी हिन्दू अभिनेत्रियाँ सोचती हैं कि यह एक शोध का विषय हो सकता है !

‘कर्मा’ चलचित्र का गीत ‘ए वतन तेरे लिए’ अब संस्कृत में !

निर्माता-निर्देशक सुभाष घई के ‘कर्मा’ चलचित्र का गीत ‘ए वतन तेरे लिए’ आज भी लोगों को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत करता है । कुछ दिन पूर्व ही देश की स्वतंत्रता के ७६ वें वर्धापन दिवस के उपलक्ष्य में इस गीत का संस्कृत संस्करण जारी किया गया है ।

धर्मशिक्षा, धर्मजागृति एवं धर्मरक्षा के लिए संस्कृत भाषा उपयुक्त ! – डॉ. अजित चौधरी, प्राचार्य, यशवंतराव चव्हाण पॉलिटेक्निक, बीड

“सहस्रों वर्ष पूर्व हमारे ऋषि-मुनियों ने संस्कृत भाषा में ही अनेक अविष्कार लिखकर रखे हैं । ऐसी सर्वार्थ से आदर्श देववाणी संस्कृत को व्यावहारिक भाषा बनाने के लिए हमें प्रयास करने चाहिएं; इसलिए प्रत्येक परिवार को अपने बच्चों को बचपन से अंग्रेजी नहीं, अपितु संस्कृत भाषा की शिक्षा देना आवश्यक है ।”, ऐसा मत उन्होने व्यक्त किया.

वेदों से प्राप्त विज्ञान पाश्चात्यों ने अपने नाम से प्रसारित किया !

वेद ही विज्ञान के मूल हैं; परंतु यह ज्ञान अरबस्तान से पश्चिमी देशों में पहुंच गया तथा वहां के विज्ञान विशेषज्ञों ने अपने नाम से उनका प्रचार किया ।

संस्कृत को राजभाषा घोषित करें ! – भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश ( चीफ जस्टिस ) शरद बोबडे

संस्कृत ईश्‍वर निर्मित भाषा है तथा उसे ‘देवभाषा’ कहा जाता है । सनातन हिन्दू लाखों वर्षों से इस भाषा का प्रयोग करते आ रहे हैं । एक भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश ( चीफ जस्टिस ) की इस मांग पर केंद्र सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए, संस्कृत प्रेमियों को ऐसा ही प्रतीत होता है !

संस्कृत को देश की अधिकृत भाषा बनाएं ! – भूतपूर्व सरन्यायाधीश शरद बोबडे

देश के एक भूतपूर्व सरन्यायाधीश इस प्रकार का वक्तव्य दें, यह बडी बात है ~ केंद्र सरकार को इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चाहिए, धर्माभिमानी हिन्दुओं को ऐसा प्रतीत होता है !

केरल की इस्लामी शिक्षा संस्थाओं में पढाए जाएंगे हिन्दू धर्मग्रंथ !

जिले के ‘मलिक दीनार इस्लामिक काम्प्लेक्स’ में विगत ७ वर्षों से संस्कृत के श्‍लोक पढाए जाते थे । अब यहां कुछ हिन्दू ग्रंथों को भी समाहित किया गया है, उनमें श्रीमद् भगवद्गीता भी है ।

केरल की इस्लामी संस्था में पढाई जाती है गीता और उपनिषद !

यदि कट्टर मुसलमान अब इस इस्लामी संस्था के प्रशंसनीय पाठ्यक्रम पर हमला करना शुरू कर दें तो चौंकिए मत !

सर्वोच्च न्यायालय ने संस्कृत भाषा को राष्ट्रभाषा का स्तर देने की मांग से संबंधित जनहित याचिका अमान्य की ! 

वास्तव में जनता को ऐसी मांग करने की आवश्यकता न पडे । केंद्र की भाजपा सरकार को इस विषय में चर्चा कर योग्य निर्णय लेना चाहिए, धर्माभिमानी हिन्दुओं की ऐसी इच्छा है !