(कहते हैं) ‘रामचरितमानस’ पर प्रतिबंध लगाएं ! – स्वामी प्रसाद मौर्य
विगत ५०० वर्षाें से यह ग्रंथ संपूर्ण विश्व में पूजनीय बन गया है तथा उसके कारण कभी भी तथा कहीं भी हिंसा नहीं हुई है; परंतु तब भी ऐसे वक्तव्य देकर सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने का ही यह प्रयास है !