समाजवादी पक्ष के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुसलमान व्यक्ति को बनाए, अन्यथा मुसलमानों के सामने अन्य पर्याय उपलब्ध !

मुसलमानों के मतों के लिए अखिलेश यादव के पिता ने, अर्थात मुलायम सिंह यादव ने कारसेवकों पर गोली चलाकर उन्हें मारा और उनके मृत शरीर को पत्थरों से बांध कर सरयू नदी में फेंका था, अब उन्हें मुसलमानों का सच्चा स्वरुप ध्यान में आएगा क्या ?

बलात्कार करने वाले आरोपी यदि मुसलमान होंगे, तो उन्हे कमर तक गढ्ढे में गाडकर पत्थर मारकर उन्हें जान से मारने का दंड दें !

‘सनातन प्रभात’ पिछले अनेक माह से कह रहा था कि, ‘इस प्रकार की मांग किसी ने की, तो आश्चर्य न लगे’, यही मांग सांसद एस. टी. हसन कर रहे हैं, यह ध्यान में लें !

‘तिरंगा देश का ध्वज है तो उसे घरों में क्याें फहराना चाहिए ?’

जिन लोगों को तिरंगा, इस देश तथा यहां की मिट्टी पर प्रेम नहीं है, वे ऐसे ही प्रश्न उपस्थित करेंगे ! वे कितने देशभक्त हैं, इन विधानों से यह ध्यान में आता है !

देश के सर्व प्रादेशिक दल समाप्त होंगे होंगे : केवल भाजपा ही शेष रहेगा !

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश (जे.पी.) नड्डा बिहार में भाजपा के १४ जनपद कार्यशालाओं के अनावरण करने हेतु आए थे । उस समय उन्होंने वक्तव्य दिया कि भाजपा के विरुद्ध लडनेवाला एक भी राष्ट्रीय दल आज शेष नहीं रहा है । अपनी वास्तविक लडाई परिवारवाद के विरुद्ध है ।

कांग्रेस नेता राज बब्बर को २६ वर्ष बाद २ वर्ष की कारावास

यह कहने में क्या गलत है कि २६ साल बाद मिला न्याय अन्याय ही है ?

पीपल के पेड के नीचे पत्थर रख दो या वहां एक झंडा रख दो, मंदिर बन गया !

ऐसे हिन्दूद्वेष के कारण कांग्रेस के समान समाजवादी पार्टी भी इतिहास में अंकित होने की राह पर है, (इतिहासजमा होण्याच्या मार्गावर आहे असं असावं. यासाठी हिन्दी शब्द विचारावा लागेल) यह अखिलेश यादव को ध्यान में लेना चाहिए !

‘यदि हिन्दू, मस्जिद के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, तो हम मंदिरों के सामने बैठे कर ध्वनिक्षेपक पर कुरान पढेंगे !’

गत अनेक वर्षों से मस्जिदों पर अवैध ध्वनिक्षेपक के माध्यम से हिन्दुओं को दिन में ५ बार अजान सुनाई जा रही है । इतने पर उन्हें संतोष नहीं है ! अब उससे आगे बढकर धर्मांध कट्टरपंथियों का दुस्साहस यह है कि वो कहते हैं, ‘मंदिर के सामने कुरान पढेंगे ।’

(कहते हैं) ‘आक्रमणकर्ता मुर्तजा मनोरोगी !’

समाजवादी पक्ष, यह जिहादी आक्रमणकारीयों का पक्ष लेनेवाला दल है ; ये समय- समय पर स्पष्ट हुआ है । इसी पक्ष के सत्ताकाल में कारसेवकों को गोलीयों से मारकर उनकी मृतदेहों को बडे-बडे पत्थर बांधकर शरयू नदी में फेंका गया था ।

(कहते हैं) ‘द कश्मीर फाईल्स’ चलचित्र के द्वारा गंगा – जमुनी संस्कृति को तोडने का काम हो रहा है !

इस देश में तथाकथित गंगा- जमुनी संस्कृति के नाम पर अभी तक हिन्दुओं पर अत्याचार करने का काम हुआ और आज भी हो रहा है । हिन्दुओं को धर्माधों की ऐसी फंसाने वाली बातें समझकर, उन्हें सत्य गंभीरता से समझाना चाहिए !

डुमरियागंज (उत्तरप्रदेश) में समाजवादी पक्ष के प्रत्याशी सैय्यदा खातून की जीत के समय ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे !

ऐसे देशद्रोही और उनके समर्थकों को बंदी बनाकर उन्हें कठोर दंड मिले, इसके लिए राज्य सरकार को प्रयास करने चाहिए !