प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि ‘रामचरितमानस’ यह ‘बकवास’ ग्रंथ है, तो दूसरी ओर बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर यादव ने मांग की है कि ‘रामचरितमानस’ द्वेष फैलानेवाला ग्रंथ है और इसलिए उसे प्रतिबंधित किया जाए । उसी प्रकार कर्नाटक में के.एस. भगवान ने प्रभु श्रीराम एवं सीता माता के विषय में अत्यंत हीन स्तर की आलोचना की है । इसलिए इस प्रकार निरंतर होनेवाले हिन्दू देवी-देवताओं का अनादर रोकने के लिए तुरंत ईशनिंदा विरुद्ध कानून पारित किया जाए, ऐसी मांग ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति आंदोलन ’ में की गई । यह आंदोलन हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा माघ मेले में किया गया । उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अवधेश राय, जांबाज हिन्दुस्तान के नेता अधिवक्ता आलोक आजाद, डॉ. अभिषेक केसरवानी एवं हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. प्रशांत वैती ने इस आंदोलन को संबोधित किया । माघ मेले में आए कुछ साधु इस आंदोलन में सम्मिलित हुए थे ।
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‘रामचरितमानस’ ग्रंथ का अनादर करनेवाले स्वामी प्रसाद मौर्या को बंदी बनाएं ! – हिन्दुत्वनिष्ठ
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