नई देहली – जमियत-उलेमा-ए-हिन्द के प्रमुख मौलाना (इस्लाम के ज्ञाता) महमूद मदनी ने वक्तव्य दिया है ‘सम्मेलन में जो कुछ हुआ, वह अच्छा नहीं हुआ । हमें खंत एवं दुःख हुआ है । हमें विश्वास है कि हमारी किसी बात से किसी की भी भावनाएं आहत न हों; परंतु यदि ऐसा हुआ है, तो हम १०० बार क्षमा मांगते हैं’ । १२ फरवरी को देहली के रामलीला मैदान में सद्भावना सम्मेलन में ‘दारुल देवबंद उलूम’ के प्रमुख एवं जमियत के नेता मौलाना अर्शद मदनी ने ‘अल्ला’ एवं ‘ॐ’ एक ही होने का वक्तव्य दिया था । उस समय मंच पर उपस्थित जैन मुनि लोकेश ने उसका विरोध करते हुए अन्य धर्म के संतों के साथ मंच से नीचे उतर आए थे । इस विषय में मौलाना महमूद मदनी को पूछने पर उन्होंने उपरोक्त वक्तव्य दिया । मौलाना अर्शद मदनी मौलाना महमूद मदनी के चाचा हैं ।
Spreading Religious Hatred Should Be Treated as 'National Crime', Govt Outreach to Pasmanda Muslims Welcome, Says Jamiat President Maulana Mahmood Madani #JamiatUlemaEHind #MaulanaMahmoodMadani @JamiatUlama_in https://t.co/JpxGEYzu1k
— LatestLY (@latestly) February 13, 2023
महमूद मदनी ने आगे कहा कि प्रत्येक व्यक्ति अपना मत प्रस्तुत करता है । सभी को मर्यादा में रहते हुए मत प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए । आचार्य लोकेश ने इस स्वतंत्रता का अनुचित लाभ लिया है । उनको पहली बार ही मंच से बोलने का अवसर मिला था । तदुपरांत उन्होंने अपनी आपत्ति दर्शाई । उनकी आपत्ति पर भी अनेक लोगों ने आपत्ति दर्शाई है । आचार्य के प्रति हमारे मन में सम्मान है । वे हमसे पहेले से ही जुडे हुए हैं । विश्व में भारत के अतिरिक्त अन्य कोई देश नहीं, जहां भिन्न धर्म, पोशाक एवं भाषाओं के लोग एकत्र रहते हों ।
* ‘ॐ’ एवं ‘अल्लाह’ भिन्न हैं ! – समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क
संभल (उत्तरप्रदेश) – ‘ॐ’ एवं ‘अल्लाह’ भिन्न हैं । मौलाना अर्शद मदनी का वक्तव्य भूल है । इस कारण आपस में विवाद निर्माण होगा । मुसलमान अल्लाह को मानते हैं, तो हिन्दू ॐ को, यहां की समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने यह कहा ।