इराक के संसद में घुसकर सहस्रों प्रदर्शनकारियों का उपद्रव

इराक में प्रधानमंत्री के रुप में इरान समर्थक व्यक्ति का नाम घोषित करने के विरोध में प्रदर्शन शुरू हुआ है । सहस्रों प्रदर्शनकारियों ने २७ जुलाई की रात इराक के संसद में घुसकर इराकी ध्वज लहराते हुए उपद्रव किया ।

घर-घर में तिरंगा लहराने के संदर्भ में मेहबूबा मुफ्ती ने आपत्ति दर्शाई !

ऐसे लोगों पर देशद्रोह का अपराध प्रविष्ट कर उन्हें आजन्म कारागृह में डालना चाहिए !

केंद्र सरकार से जुडी हुई संस्था ने स्वतंत्रता अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में प्रकाशित मासिक पत्रिका में स्वतंत्रतावीर सावरकर के १३, जबकि म. गांधी के केवल ३ लेख सम्मिलित !

जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं, तब उन्होंने स्वतंत्रतावीर सावरकर के नाम एक डाक टिकट निकाला था, यह बात कांग्रेस कैसे भूल जाती है ?

विश्वभर में हिन्दुओं की अपकीर्ति करने के लिए रचा जा रहा है बडा षड्यंत्र !

जो विदेश की यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं को पता चलता है, वह भारत के शोधकर्ताओं को क्यों नहीं ?

‘भगत सिंह एक आतंकवादी था !’

पंजाब में खालिस्तानी विचारधारा वाले सिख नेता अब सार्वजनिक रूप से इस प्रकार के वक्तव्य दे रहे हैं। यह अगामी बहुत बडे संकट की चेतावनी है । केंद्र सरकार को इस पर त्वरित ध्यान देकर कडी कार्रवाई करने की नितांत आवश्यकता है !

लोकसभा सचिवालय द्वारा ‘गैर-संसदीय’ शब्दों की सूची घोषित !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रशासन का वर्षाकालीन अधिवेशन १८ जुलाई से आरंभ हो रहा है । संसद के वर्षाकालीन अधिवेशन के पूर्व लोकसभा सचिवालय द्वारा ‘गैर-संसदीय’ शब्दों की सूची प्रसारित की गई है ।

विद्यालयों में भगवद्गीता न सिखाई न जाए, इसलिए ‘जमियत-उलेमा-ए-हिन्द’ द्वारा गुजरात उच्च न्यायालय में याचिका !

गढवा (झारखंड) के एक विद्यालय में ७५ प्रतिशत मुसलमान विद्यार्थी हैं । इसलिए पाठशाला में इस्लामी नियम लागू करने के लिए मुसलमानों ने प्रधानाध्यापक पर दबाव डाला, तथा विद्यार्थियों को हाथ जोडकर प्रार्थना करने से रोका । क्या ‘जमियत-उलेमा-ए-हिन्द’ ने कभी इसके विरुद्ध याचिका प्रविष्ट की है ?

आदि शंकराचार्य के पुतले के निर्माण कार्य को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने दी स्थगिती

मध्यप्रदेश में खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में ५४ फिट उंचा व्यासपीठ पर निर्माण किए जानेवाले आदि शंकराचार्य के १०८ फिट उंचा पुतले के निर्माण कार्य को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने स्थगिती दी ।

कनाडा के भारतीय उच्चायुक्त कार्यालय की ओर से संबंधित लोगों को ‘काली’ नाम के पोस्टर तत्काल हटाने का आवाहन

लीना मणीमेकलई के ‘काली’ वृत्तचित्र को प्रकाशित करने के लिए लगाए पोस्टर में श्री महाकालीदेवी की वेशभूषा में अभिनेत्री को सिगरेट पीते हुए दिखाए जाने के उपरांत उसका विरोध हो रहा है ।

‘यदि द्रौपदी राष्ट्रपति है, तो पांडव कौन हैं ?’

इस विधान द्वारा ऐसे निर्देशकों की हिन्दू विरोधी मानसिकता दिखाई देती है । क्या उन्होंने अन्य पंथियों के श्रद्धाकेंद्राें ऐसे अपमान किया होता ? हिन्दुओं को ऐसे हिन्दू विरोधी निर्देशकों के चलचित्राें का बहिष्कार कर हिन्दू एकता का भान कराना चाहिए !