मुसलमान संगठनों के विरोध के पश्चात मंगलुरू विश्वविद्यालय में भारतमाता का पूजन निरस्त !

हिजाब धार्मिक, जबकि भारतमाता राष्ट्रीय अस्मिता का विषय है । यदि कोई उनकी पूजा करता हो, तो इसमें अनुचित क्या है ? जो व्यक्ति भारतमाता को ही न मानता हो, वही इस प्रकार का विरोध करते हैं ! विश्वविद्यालय इस प्रकार के विरोध की बलि न चढें !

पी.एफ्.आई. के ३ लाख बैंक खातों में इस्लामी देशों से आते हैं प्रति वर्ष ५०० करोड रुपये !

एक इस्लामी संगठन को इतना धन मिलता है, तो अन्य इस्लामी संगठन, मदरसे, मस्जिदों आदि को कितना धन मिलता होगा, यह कल्पना के परे है !

धर्मांध ‘पी.एफ.आई.’ का पिछडे वर्ग को साथ लेकर इस्लामी राष्ट्र बनाने का षड्यंत्र !

‘पी.एफ.आई. के द्वारा देशविघातक गतिविधियां चलाए जाने के असंख्य प्रमाण सामने आते हुए भी सरकार उस पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाती ?’, यह प्रश्न राष्ट्रप्रेमियों के मन में है !

सावधान ! २०४७ में ‘दार-उल-इस्लाम’ !

हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा ‘हम संवैधानिक पद्धति से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करेंगे’, यह घोषणा दिए जाने पर आक्रोश कर चिल्लानेवाले धर्मनिरपेक्षतावादी अब कहां हैं ? अथवा क्या उन्हें इस्लामी राष्ट्र चलेगा ? यह प्रवृत्ति तो पाखंडी धर्मनिरपेक्षता और हिन्दूविघातक दोहरी नीति का उदाहरण है !

बिहार के १५ सहस्र मुसलमान युवकों को देश में अराजकता निर्माण करने हेतु दिया शस्त्र-अस्त्र का प्रशिक्षण !

पता नहीं ऐसे लोगों से होनेवाले अक्रमण रोकने के लिए सरकार उनपर कार्रवाई कब करेगी ? और उन्हें शिक्षा कब देगी ?

पी.एफ.आई. के दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम पर पुलिस द्वारा बंदी

ऐसी मांग क्यों करनी पडती है ? पुलिस स्वयं सामने आकर कार्यवाही क्यों नहीं करती ?

भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने के लिए इस्लामी देशों से ’पी.एफ्.आइ.’ को वित्त (आर्थिक) सहायता !

अब हिन्दुओं के सामने यह प्रश्नचिन्ह है कि केंद्र सरकार ’पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ पर बंदी कब लाएगी ?

निजामाबाद (तेलंगाना) में जिहादी आतंकी संगठन ‘पी.एफ.आई.’, कराटे प्रशिक्षण के नाम पर मुसलमानों को शस्त्र चलाने का प्रशिक्षण दे रहा है !

ऐसे विघातक प्रशिक्षण केंद्र का पता न लगना पुलिस के लिए अत्यंत लज्जास्पद है ! ‘पुलिस को इस बात का पता नहीं लगा या उसने अनदेखा किया ? , इस बिंदु का भी अन्वेषण होना चाहिए एवं वास्तविकता उजागर होनी चाहिए !

शुक्रवार की नमाज के पश्चात हिंसाचार के पीछे ओवैसी, पी.एफ्.आइ. एवं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ! – जमियत-उलेमा-ए-हिंद का आरोप

नूपुर शर्मा के विरोध में देश में शुक्रवार की नमाज के उपरांत मुसलमानों द्वारा हुए हिंसाचार के पीछे एम्.आई.एम्. के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पी.एफ्.आई.) एवं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड है, ऐसा आरोप जमियत-उलमा-ए-हिंद नामक मुसलमानों के संगठन द्वारा यहां एक कार्यक्रम में किया गया ।

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के नेता द्वारा नूपुर शर्मा का सिर काटने की धमकी

आपने पैगंबर का अपमान कर बहुत बडी गलती की है । मुसलमान प्रत्येक श्वास पैंगबर के लिए ही लेता है । इस कारण उनके अपमान की सजा सिर काटना ही है, ऐसी धमकी देनेवाले सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया या पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के राजनीतिक पक्ष के एक नेता का वीडियो सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित हो रहा है ।