Karnataka Temple Tax Bill : मंदिरों पर १० प्रतिशत कर (राजस्व) लगानेवाले विधेयक को राज्यपाल ने ‘पक्षपाती’ कहते हुए सरकार को वापस भेजा !
‘इस कानून की अनेक धाराएं पक्षपात करनेवाली हैं’, ऐसा कहते हुए राज्यापाल ने यह विधेयक सरकार को वापस भेज दिया है ।
‘इस कानून की अनेक धाराएं पक्षपात करनेवाली हैं’, ऐसा कहते हुए राज्यापाल ने यह विधेयक सरकार को वापस भेज दिया है ।
उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता (पू.) हरिशंकर जैन के ‘हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस’ ने भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए उच्च न्यायालय में अर्जी प्रविष्ट की थी ।
उच्च न्यायालय ने यह मत ‘ठाकुर रंगजी महाराज विराजमान मंदिर’ की ओर से प्रविष्ट (दाखिल) याचिका पर सुनवाई के समय व्यक्त किया ।
मंदिरों की पवित्रता को बनाए रखने तथा हमारी महान भारतीय संस्कृति के प्रसार के लिए, पुणे जिले के ज्योतिर्लिंग श्रीक्षेत्र भीमाशंकर के साथ-साथ पुणे के ग्राम देवता कसबा गणपति मंदिर सहित ७१ मंदिरों में वस्त्र संहिता लागू करने का निर्णय लिया गया है ।
मंदिरों पर कार्यवाही; परंतु सैकडों परिवादों के उपरांत भी मस्जिदों पर लगे भोपूं पर कार्यवाही नहीं, क्या यह पुलिस का पक्षपात नहीं हैं ?
हिन्दुओं के विरोध में उठते-बैठते निराधार आरोप कर हिन्दूद्वेषी वातावरण निर्माण करनेवालों पर केंद्र सरकार को कानूनी कार्यवाही कर उन्हें कठोर दंड देना चाहिए । इसी से हिन्दुओं के विरोध में कोई कुछ बोलने का साहस नहीं करेगा !
बैठक में जिले के ३२ से अधिक मंदिरों के न्यासियों ने भारतीय संस्कृति के अनुरूप मंदिरों में आदर्श वस्त्र संहिता लागू करने का निर्णय लिया है, यह जानकारी ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ के संयोजक श्री. सुनिल घनवट ने दी ।
पहला पत्र मंदिर के गर्भगृह के पास मिला था, जबकि दूसरा पत्र हनुमान मंदिर के पास मिला था । दोनों पत्र हिन्दी भाषा में लिखे गए थे । न्यासियों ने दोनों पत्र निपानी शहर पुलिस को सौंपे तथा शिकायत प्रविष्ट कराई ।
पुलिस पर पुनः आक्रमण न हो; इसलिए प्रशासन द्वारा इस समय हिन्दुओं के मंदिर भी गिराकर ‘हम भेदभाव नहीं करते’, ऐसा दिखाने का प्रयास किया गया, यदि कोई ऐसा कहे, तो इसमें चूक क्या है ?
मूलतः ऐसी मांग करनी ही न पडे । देश में जिन स्थानों पर मंदिर गिराकर मस्जिदों का निर्माण करने का इतिहास एवं प्रमाण हैं, वे सभी स्थान पुरातत्व विभाग को सरकार को प्रस्तुत करने चाहिए एवं सरकार को भी ऐसे सभी स्थान हिन्दुओं को सौंप देने चाहिए !